लाल किताब में बताए गए हैं पितृदोष के इतने प्रकार, कहीं आपकी कुंडली में भी तो नहीं इन्हीं में से एक? जानें उपाय

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Pitru Paksha 2023

Lal Kitab Upay : लाल किताब में कुंडली के दोषों के कई प्रकार से लेकर जीवन की तमाम समस्याओं तक को ठीक करने के कारगर उपाय बताए गए हैं। लाल किताब के सभी उपाय काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं। दरअसल यह एक ऐसी किताब है जिसमें तमाम तरह की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए उपाय के साथ-साथ कई जानकारियां भी दी गई है। ये सभी जानकारियां और उपाय बहुत काम के माने जाते हैं। उपाय तो महज 24 घंटे के अंदर अपना असर दिखाना शुरू कर देती हैं। इस किताब का वैदिक ज्योतिष और ज्योतिष शास्त्र में भी काफी ज्यादा महत्व माना जाता है।

लाल किताब में आर्थिक स्थिति ठीक करने से लेकर पारिवारिक, स्वास्थ्य, कार्य क्षेत्र, व्यापार, शादी, प्रेम और शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को भी ठीक करने के उपाय बताए गए हैं। आज हम आपको लाल किताब में बताए गए पितृ दोष के कई प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं। पितृ दोष की वजह से जीवन में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

कई तरह के पितृ दोष होते हैं जो जातकों को अलग-अलग तरह की समस्याओं का सामना करवाते हैं। दरअसल, पर तेरा दोस्तपितृ दोष व्यक्ति की कुंडली में तब लगता है जब उनके पूर्वजों या पितरों द्वारा कोई गलत कार्य किया गया हो। ऐसे में उसका भुगतान उन्हें ही करना होता है जिसकी कुंडली में पितृ दोष हो। चलिए जानते हैं कितने प्रकार के पितृदोष होते हैं और किन उपायों को करके उनसे छुटकारा पाया जा सकता है –

Lal Kitab में बताए गए पितृ दोष के प्रकार

जातकों की कुंडली में अलग-अलग प्रकार के पितृ दोष पाए जाते हैं। लाल किताब की माने तो पितृ दोष 10 प्रकार के हो सकते हैं। इनसे मुक्ति पाने के लिए लाल किताब में कई उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें अपना घर जातकों को काफी ज्यादा फायदा देखने को मिल सकता है।

इन उपायों से ठीक करें पितृ दोष

पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृपक्ष के दौरान रोजाना कपूर जलाना चाहिए। ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है। वहीं कर्ज से भी आप मुक्ति पा सकते हैं। ऐसा आपको पितृपक्ष के दौरान सुबह शाम रोजाना करना होगा।

पितृ दोष से मुक्ति पानी के लिए पितृपक्ष के दौरान आने वाली तेरा, चौदस, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन गुड और घी को गाय के गोबर से बने उपले पर रखकर जलाना चाहिए। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।

पितृपक्ष के दौरान तर्पण करने से भी पितृ दोष से छुटकारा पाया जा सकता है। आपको बता दे पितृपक्ष में तर्पण सिर्फ और सिर्फ पूर्वजों के नाम पर ही नहीं जिनका ऋण होता है उनके नाम पर भी किया जाता है। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।

कहा जाता है कि परिवार में सुख शांति बनाए रखने के लिए और पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए पितृपक्ष के दौरान दान करना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। परिवार के सभी सदस्यों से बराबर मात्रा में सिक्के एकत्र कर उन्हें मंदिर में दान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से छुटकारा पाया जा सकता है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Ayushi Jain

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