Magh Bihu 2025 : जनवरी महीना में माघ बिहू मनाया जाता है, जो कि असम का त्यौहार है। यह किसानों से जुड़ा पर्व है, जब लोग अग्नि देव को फसल की अच्छी पैदावार के लिए धन्यवाद देते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियां मनाते हैं। इसे पूर्वोत्तर इलाके में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार लगभग एक सप्ताह तक चलता है, जो इस राज्य के लिए नववर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
असम में इस रंगोली बिहू के नाम से भी जाना जाता है, जो की वसंत ऋतु के आगमन का संकेत होता है। इसलिए पूरे प्रदेश के लोग त्योहार के लिए पहले से ही तैयारी करते हैं।
7 दिन तक निभाई जाती है अलग-अलग रीति रिवाज
हिंदू पंचांग के अनुसार, 15 जनवरी को माघ बिहू मनाया जा रहा है। तो वहीं संक्रांति का क्षण 14 जनवरी को सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगा। असम कैलेंडर के अनुसार, इस दिन से वैशाख महीने की शुरुआत होती है। जिसे 7 दिन तक अलग-अलग रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। जिसका शुभारंभ वह भोगाली बिहू के साथ होता है, जिसे गाय बिहू भी कहा जाता है। इस दिन लोग गाय लेकर नदी में जाते हैं और उन्हें नहलाते हैं।
ईश्वर को देते हैं धन्यवाद
इन सात दिनों के अंदर 101 तरह की हरी पत्तियों वाली साग खाई जाती है, तो वहीं कच्ची हल्दी से नहा कर नए कपड़े पहनने का भी रिवाज है। इसके बाद पूजा-पाठ कर दही, चूड़ा, आदि खाया जाता है। युवक की वटी समूह बनाकर ढोल, पेपा, गगना, ताल, बांसुरी, आदि के साथ पारंपरिक परिधान पहन कर बिहू करते हैं। असम में यह पर्व अग्नि देव को समर्पित होता है। इस महीने में बहुत ज्यादा विवाह संपन्न होते हैं। बिहू के दौरान लड़के-लड़की अपने मुताबिक जीवनसाथी चुनते हैं और नए सिरे से अपने जीवन की शुरुआत करते हैं, इसलिए बिहू का त्यौहार हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है।
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