Mahakaleshwar Temple: उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में 4 से 9 मई तक सोमयज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस महाआयोजन की तैयारी शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में लगे जलस्तंभ के निकट पांच हवन कुंड बनाए जा रहे हैं। वहीं सात दिनों तक, दक्षिण भारत के यज्ञाचार्य के साथ, विशेष औषधियों से युक्त हवन सामग्री का उपयोग कर शिव की प्रसन्नता के लिए आहुति दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार महाकाल मंदिर में होने वाले यज्ञ में स्थानीय विद्वान भी शामिल होने जा रहे हैं। दरअसल यह यज्ञ 5000 साल पुरानी परंपरा के अनुसार आयोजित किया जा रहा है। इसके दौरान, संघ प्रमुख सहित विशेष अतिथियों के आगमन की संभावना है। हालांकि अभी तक, मंदिर के अधिकारीयों द्वारा इस विषय पर कुछ भी बयान नहीं दिया गया हैं।
वहीं ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला के मुताबिक, यज्ञ की प्रथा और याग्निक ग्रंथों के अनुसार, त्रेता और द्वापर युग में विभिन्न प्रकार के यज्ञों का उल्लेख किया गया है। सतयुग में सत्य, धर्म, व्रत, और यज्ञ की विशेष महत्वता थी, जबकि धर्मशास्त्र में त्रेता, द्वापर, और कलयुग के लिए अलग-अलग प्रकार के यज्ञों की मान्यता है।
पुरानी परंपरा के अनुसार:
जानकारी के मुताबिक धर्मशास्त्र में, कई बार कलयुग के संदर्भ में यज्ञ की विशेषता का वर्णन नहीं है, लेकिन पुरानी परंपरा के अनुसार धर्मप्राण लोग यज्ञ और अन्य कार्यों को आज भी करते हैं। सोमयज्ञ के लिए विभिन्न प्रकार के संकल्प हैं जो लोग इस कार्य के लिए करते हैं। इसमें धन, पद, संतान, उत्तम वृष्टि, शुभ जल, और अनुकूलता जैसे विषयों पर विशेष बातें हैं।