महाशिवरात्रि 2025: इन 4 शुभ सामग्रियों से करें शिवजी को प्रसन्न, बढ़ेगा यश और समृद्धि

महाशिवरात्रि 2025 (Mahashivratri 2025) पर अगर आप भोलेनाथ को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पूजन में कुछ विशेष वस्तुओं का अर्पण बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शिवजी को कुछ खास सामग्रियां चढ़ाने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, सुख-समृद्धि बढ़ती है और तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं.

Bhawna Choubey
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हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, इस दिन का ख़ास महत्व है. यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है, महाशिवरात्रि के त्योहार पर भक्त भगवान शिव जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं, गाँव शहर, गली मोहल्ले में स्थित सभी शिव मंदिरों को रंग बिरंगी लाइटों, रंगबिरंगे फूलों, और रंगोली बनाकर सजाया जाता है.

हर साल फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है, साल 2025 में यह त्योहार 26 फ़रवरी को मनाया जाएगा. इस त्योहार को मनाने की शुभ शुरुआत 26 फ़रवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होगी, और इसका समापन 27 फ़रवरी को सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर होगा.

दूध और दही से अभिषेक

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के दौरान सच्चे मन से शिवलिंग पर दूध और दही का अभिषेक करें. ऐसा माना जाता है कि दूध और दही से अभिषेक करने से व्यक्ति को आरोग्य जीवन की प्राप्ति होती है. दूध और दही से अभिषेक करने पर भगवान शिव जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं.

रुद्राक्ष

रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है, ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी. ऐसे में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर पूजा में शिव जी को रुद्राक्ष चढ़ाए जाए, साथ ही साथ उसे महाप्रसाद के रूप में धारण किया जाए तो ऐसे में व्यक्ति के जीवन में सुख की प्राप्ति हो सकती है.

बेल पत्र

बेल पत्र के बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है. भगवान शिव को बेल पत्र अत्यंत प्रिय है. भगवान शिव जी की पूजा बेहद ही सरल है, भगवान शिव को जल चढ़ाने के बाद अगर सिर्फ़ बेल पत्र भी चढ़ाई जाए तो पूजा संपन्न हो जाती है. बेल पत्र तीन पत्तियों की एक पत्ती होती है, कभी कभी ये पाँच पत्तियों की भी एक पत्ती हो सकती है. लेकिन ज़्यादातर तीन पत्तियों की बेल पत्र देखने को मिलती है. इस बात का ध्यान रखें कि शिवलिंग पर बेल पत्र को हमेशा उल्टा चढ़ाना चाहिए.

भस्म

भस्म भी भगवान शिव की पूजा की एक महत्वपूर्ण सामग्री मानी जाती है. हिन्दू धर्म में भस्म का विशेष महत्व बताया गया है, भस्म को भगवान शिवजी के वस्त्रों की तरह देखा जाता है, क्योंकि भगवान शिव वस्त्र की तरह पूरे शरीर में भस्म लपेटते हैं. इसलिए महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के दौरान उन्हें भस्म ज़रूरत अर्पित करें.

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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