Panguni Uthiram Festival: 2.36 लाख रुपये में बिके 9 नींबू, इनके पीछे की क्या है कहानी? पढ़े यह खबर

Panguni Uthiram Festival: विल्लुपुरम के तिरुवनैल्लूर गांव की पहाड़ियों पर एक ऐसा मंदिर स्थित है जहाँ पंगुनी उथिरम उत्सव के दौरान नींबू चढ़ाया जाता है। दरअसल यह मंदिर नि:संतान दंपतियों के बीच बेहद प्रसिद्ध मंदिर है।

Rishabh Namdev
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Panguni Uthiram Festival: तमिलनाडु के विल्लुपुरम में एक ऐसा मंदिर है जहाँ पर पंगुनी उथिरम उत्सव के दौरान नींबू चढ़ाया जाता है। लेकिन आप सुनकर चौंक जाएंगे की इस धार्मिक आयोजन के लिए सिर्फ 9 नींबू 2.36 लाख रुपये में बिके हैं। दरअसल अब यह सुनकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे है। कई लोग जानना चाहते है कि, आखिर इतने पैसों में नींबू कैसे खरीदे जा सकते है। इतने पैसों में तो नींबू के बाग खरीदे जा सकते हैं फिर ये नींबू इतने महंगे क्यों हैं? दरअसल अब यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।

दरअसल आपको बता दें की यह नींबू भगवान की मूर्ति के पास लगे भाले पर चढ़ाया जाता है। जानकारी के अनुसार भाले पर लगे इन नींबुओं की बोली लगाई जाती है। वहीं इसी कड़ी में मंगलवार को भी इसकी बोली लगाई गई। लेकिन इनकी नीलामी जब लगाई गई तो मंदिर मालामाल हो गया। जानकारी के अनुसार इन नींबुओं को लोगों ने 2.36 लाख रुपये में खरीदा है।

जानिए कितने महंगे बिके नींबू?

दरअसल ऐसी मान्यता है कि जिन दंपतियों की संतान नहीं होती है वह दंपति अगर इस नींबू का पानी पी लेते है तो संतान की प्राप्ति हो जाती है। इसके साथ ही उनके घर में धन-दौलत भी आती है। दरअसल टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु के विल्लुपुरम का यह मंदिर शक्तिशाली नींबुओं की वजह से बेहद प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि भगवान मुरुगा के भाले में लगे नींबूओं में जादुई शक्तियां हैं। यह मंदिर विल्लुपुरम के तिरुवनैनल्लूर गांव में दो पहाड़ियों के बीच बसा है। वहीं मंदिर में पंगुनी उथिरम उत्सव के दौरान नींबू की बोली लगाई जाती है। हालांकि यह मंदिर बेहद छोटा है लेकिन यह काफी प्रसिद्द मंदिर है। जहां कई नि:संतान जोड़े भगवान मुरुगा के दर्शन के लिए आते हैं।

जानें क्या है धार्मिक मान्यता?

जानकारी दे दें की ऐसी मान्यता है कि जिन्हे संतान प्राप्ति नहीं होती है तो मंदिर के नींबू प्रसाद खाने से उनकी गोद भर जाती है। वहीं इससे ही व्यापारियों का धंधा भी चलने लगता है। दरअसल यह उत्सव करीब 9 दिनों तक चलता है। जानकारी के अनुसार मंदिर के पुजारी दिन में नींबू काटते हैं और आखिरी दिन इन नींबू की नीलामी होती है।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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