पौष माह आज से शुरू, इन कार्यों से मिलेगा लाभ, भूलकर भी न करें ये काम, वरना माँ लक्ष्मी हो जाएंगी नाराज, जानें नियम

Manisha Kumari Pandey
Published on -
Paush month 2023

Paush Month 2023: 27 दिसंबर बुधवार को पौष माह का आरंभ हो चुका है। इसका समापन 25 जनवरी 2024 को होगा। यह हिन्दू कैलेंडर का 10वां महिना है। सनातन धर्म में पूरा महिना बहुत विशेष मन जाता है। इस दौरान कई व्रत-त्योहार भी पड़ रहे हैं। इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही इस माह में पितरों की उपासना का भी विशेष महत्व होता है। पौष मास में कुछ नियमों का पालन किया जाता है। कुछ कार्यों पर मनाही होती है। वहीं कुछ कार्यों को करना शुभ माना जाता है। आइए जानें इस महीने क्या करें क्या न करें-

इन कार्यों से होगा लाभ

  • रविवार के दिन व्रत करना और सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। चावल की खिचड़ी बनाकर भगवान सूर्य को अर्पित करें। तिल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।
  • गुड़, अजवाइन, लौंग और अदरक सेवन करें। ऐसा करने से सेहत को लाभ होता है।
  • पूर्णिमा के दिन पितरों की पूजा एवं श्राद्ध करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
  • इस महीने लाल रंग का उपयोग शुभ माना जाता है। जितना हो सके लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
  • पौष मास में प्रतिदिन सहस्त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

भूलकर भी न करें ये काम

  • मांस, मदिरा और अन्य तामसिक चीजों का सेवन करने से बचें।
  • इस माह में किसी प्रकार शुभ और मांगलिक कार्यों को करने से बचें।
  • बैंगन, दाल, फूलगोभी, उड़द डाल, मुली इत्यादि का सेवन करना शुभ नहीं माना जाता।
  • इस महीने में नमक का प्रयोग जितना हो सके उतना कम करें।

(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। MP Breaking News इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News