व्यक्ति को राजा बना देता है राजाधिराज योग, कुंडली में ऐसे होता है इसका निर्माण, कर देता है मालामाल

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grah gochar Rajyog

Rajadhiraja Rajyog : जातकों की कुंडली के द्वारा वैदिक ज्योतिष में यह पता किया जा सकता है कि व्यक्ति जीवन में किस दिशा में जाएगा और कितनी सफलता हासिल करेगा। इतना ही नहीं उसे उसके जीवन में कितने अच्छे और बुरे फल प्राप्त होंगे। इन सब के बारे में कुंडली के ग्रहों से पता लगाया जा सकता है। वहीं कुछ जातकों को जन्म से ही बेहद भाग्यशाली माना जाता है। दरअसल वह जन्म से ही अपनी कुंडली में राजयोग लिखवा कर पैदा होते हैं। इस वजह से उन्हें जीवन में काफी ज्यादा तरक्की, मान सम्मान और अपार धन संपदा हासिल होती है।

लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जीवन में खूब परेशानियों को झेलना पड़ता है। उन जातकों को धन हानि भी होती है साथ ही समाज में भी उनका मान सम्मान नहीं होता है। कुंडली में कई तरह के राजयोग का निर्माण होता है। कुछ योग बेहद शुभ और प्रभावशाली होते हैं तो कुछ योग काम बिगाड़ने वाले भी होते हैं। आज हम आपको एक ऐसे राजयोग के बारे में बताने जा रहे है जो व्यक्ति को जीवन में रंक से राजा बना देता है। ये योग बेहद शुभ माना जाता है। इस योग की वजह से व्यक्ति को जीवन में खूब तरक्की हासिल होती है। इतना ही नहीं वह योग व्यक्ति को धन संपदा सब दिलवाता है। चलिए जानते हैं उस योग के बारे में विस्तार से –

राजाधिराज योग का निर्माण

राजाधिराज योग का निर्माण कुंडली में महालक्ष्मी और विष्णु की कृपा से बनता है। कुंडली में पहला, चौथ, सातवां और दसवां भाग भगवान विष्णु का माना जाता है। वहीं मां लक्ष्मी को कुंडली के पांचवें और नवम भाव समर्पित है, इस त्रिकोण भाव के नाम से जाना जाता है। वहीं भगवान विष्णु के सभी स्थानों को केंद्र भाव के नाम से जाना जाता है।

जब कुंडली के पहले भाव का स्वामी पंचम या फिर नवम भाव में स्थित हो तब राजाधिराज योग का निर्माण होता है। जब सप्तम भाव का स्वामी पंचम भाव के स्वामी के साथ स्थित हो तब भी इस योग का निर्माण होता है। वहीं सप्तम भाव का स्वामी पंचम या फिर नवम भाव में स्थित हो तब फिर इस योग का निर्माण होता है। इसके अलावा कई सारी ऐसी स्थिति बनती है जिसमें राजाधिराज योग का निर्माण होता है।

राजाधिराज योग से होने वाले सुख

राजाधिराज योग व्यक्ति को धन वृद्धि शक्ति समाज में मान सम्मान के साथ अच्छे चरित्र की प्राप्ति करवाता है। खास बात यह है कि कुछ जातकों को यह रंक से राजा बनाने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस योग की वजह से जिन जातकों की पहले कभी भी इज्जत नहीं होती थी, उन्हें भी इज्जत मिलने लगती है। समझ में भी उनका मान सम्मान बढ़ाने लगता है जातकों का भाग्य उदय हो जाता है, वह अपार धन संपदा के मालिक बनते हैं।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Ayushi Jain

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