Rangbhari Ekadashi 2023: हर साल फाल्गुन मास कर शुक्ल पक्ष की तिथि पर रंगभरी एकादशी मनाई जाती है। इसका हिन्दू धर्म में बहुत ही खास महत्व होता है। खास बात यह है की इस एकादशी पर भगवान विष्णु के साथ माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा-अर्चना भी की जाती है। इस दिन को आमलिका एकादशी को भी कहा जाता है। इस शुभ अवसर पर भोलेनाथ के भक्त जमकर गुलाल उड़ाते हैं, इस दिन से ही रंगों के उत्सव का आरंभ हो जाता है। जिसके 6 दिनों बाद होली का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है।
बन रहे हैं कई शुभ संयोग
2 मार्च, 2023 गुरुवार को शुभ 6:39 बजे एकादशी तिथि का आरंभ होगा। वहीं इसका समापन 3 मार्च सुबह 9:11 बजे हो जाएगा। उदय तिथि के मुताबिक 3 मार्च को व्रत रखा जाएगा। इस साल रंगभरी एकादशी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। जिसमें शोभन योग, सवार्थ सिद्दी योग, और सौभाग्य योग शामिल है। माना जाता है कि इन योग में पूजा करने से बहुत लाभ होगा होता है। जीवन में सफलता मिलती है।
करें ये उपाय
- रंगभरी एकादशी के दिन आंवले वृक्ष की 9 परिक्रमा करने से बहुत लाभ होता है। साथ ही आंवला का सेवन करने से भाग्योदय होता है।
- इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती पर गुलाल और गुलाबी रंग अर्पित करें। ऐसा करने से जीवन की आर्थिक समस्या दूर होती है और धनलाभ होता है।
- इस दिन तिल से बनी मिठाइयों, आंवला और अन्य फलों का दान करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। मान्यताएं हैं कि ऐसा करने से कष्ट निवारण होता है।
- धन प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु के समक्ष 8 बतियों का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह दीपक रातभर बूझना नहीं चाहिए।
पूजा करने के नियम
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर और स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान भगवान शिव पर लाल या गुलाबी रंग और अबीर अर्पित करें। इस दिन रातभर जागकर भजन-कीर्तन करने का नियम भी होता है। व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। द्वादशी तिथि के समापन से पहले ही पारण करना शुभ माना जाता है।
(Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी साझा करना है। MP Breaking News इन बातों की पुष्टि नहीं करता। विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।)