Dev Deepawali 2023 : देव दीपावली हिंदू धर्म में मनाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व गंगा नदी के किनारे विशेष रूप से वाराणसी में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसे कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है जो कि इस साल 26 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है और लोग इस अवसर पर नदी किनारे आकर पूजा-अर्चना करते हैं। इस अवसर पर घाटों को दीपों से सजाया जाता है। ऐसा लगता है मानो सभी देवी-देवता धरती पर आकर इस उत्सव को मना रहे हों। ज्योतिष के अनुसार, देव दिवाली के अवसर पर दुर्लभ भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है, जब भगवान शिव की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी। आइए जानें शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व यहां…
शुभ मुहूर्त
- 26 नवंबर (रविवार) को दोपहर 3 बजकर 53 मिनट शुरू।
- 27 नवंबर (सोमवार) को दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर खत्म।
- 27 नवंबर (सोमवार) को होगा व्रत और स्नान-दान।
भद्रावास योग
बता दें कि देव दिवाली पर दोपहर 3 बजकर 53 मिनट से भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है जो कि रात 3 बजकर 16 मिनट पर खत्म होगा। इस समय का माहौल अत्यधिक शुभ होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान स्वर्गवासिनी देवी भद्रा पृथ्वी पर विचरित होती हैं, जिससे धरती के समस्त जीवों को अधिक शुभ और प्राकृतिक उपहार प्राप्त होते हैं। यह समय आत्माओं के ऊर्जा को शुद्ध और सकारात्मक बनाने का माना जाता है।
बन रहे 3 शुभ संयोग
- रवि योग: सुबह 6 बजकर 52 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 05 मिनट तक रहेगा।
- परिघ योग: सुबह से लेकर देर रात 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
- शिव योग: देर रात में शुरू होकर कार्तिक पूर्णिमा को रात तक रहेगा।
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