Ratna Shastra: क्या आप भी बार बार उतारते हैं हाथ में पहना नग, बिल्कुल ना करें ये गलती, जानें रत्न शास्त्र के नियम

रत्न किसी भी व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर करने का काम करते हैं। इन्हें धारण करने के समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

Diksha Bhanupriy
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Ratna Shastra: ज्योतिष एक ऐसी विद्या है, जो व्यक्ति के जीवन के बारे में सभी तरह की जानकारी देने का काम करती है। यह एक नहीं बल्कि कई सारे भागों में विभाजित है जो व्यक्ति के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देती है। जब भी व्यक्ति कोई अच्छा काम करने जा रहा होता है या फिर जीवन में किसी तरह की परेशानी का सामना कर रहा होता है तो वह ज्योतिष की सलाह अवश्य लेता है।

ज्योतिष एक नहीं बल्कि कई सारे भागों में विभाजित है। इसमें रत्न शास्त्र, अंक शास्त्र, वास्तु और फेंगशुई सब कुछ शामिल है। रत्न शास्त्र एक ऐसी विद्या है, जिसमें कई सारे रत्नों का उल्लेख दिया गया है। इन रत्नों का संबंध ग्रह और लग्न से होता है।

अगर मेहनत करने के बावजूद भी तरक्की नहीं मिल रही है। सफलता पाने में कोई परेशानी आ रही है। तमाम कोशिशें के बावजूद भी व्यापार नहीं चल पा रहा या नौकरी में पदोन्नति नहीं हो रही है। प्रेम संबंधों में दरार आ रही है और वैवाहिक जीवन भी ठीक नहीं चल रहा तो इन सबका रत्नों के जरिए आसानी से समाधान किया जा सकता है।

रत्नों का है महत्व

आपने अब तक किस परेशानी के लिए और किस राशि के लिए कौन सा रत्न पहनना चाहिए इसके बारे में तो सुना होगा। लेकिन रत्नों को पहनने के बाद कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। अगर कोई भी रत्न सही तरीके से ना पहना जाए या  इसे ना बदला जाए तो व्यक्ति को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। चलिए आज हम आपको रत्न से जुड़े हुए नियम बताते हैं।

कब ना करें धारण

कोई भी रत्न तभी सही तरह से काम करता है जब उसे ठीक ढंग से पहना जाए। कुछ लोग बिना सोचे समझे बस रत्नों को पहन लेते हैं। जिससे उन्हें फायदा होने की जगह नुकसान होने लगता है। लेकिन अमावस्या, ग्रहण और संक्रांति के दिन कोई भी रत्न ना पहनें।

भार का रखें ध्यान

रत्न धारण करते समय इसका भार काफी मायने रखता है। आमतौर पर पांच, सात और 11 रत्ती के रत्न पहने जाते हैं। इससे कम भार का रत्न व्यक्ति को उतना फायदा नहीं करता। क्योंकि यह वजन व्यक्ति के शरीर के भार के अनुपात में बहुत कम होता है।

तारीख का ध्यान

रत्नों को पहनते समय तारीख का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी होता है। कभी भी 4, 9 और 14 तारीख को रत्न नहीं पहनना चाहिए। ऐसा करने से इसका प्रभाव खत्म हो जाता है।

इस तरह करें धारण

रत्न कोई सा भी हो हमेशा उसे गंगाजल, दूध या छाछ में डुबोकर पहनना चाहिए। एक बार पहनने के बाद इसे कभी उतारा नहीं जाता। कोई भी नग अपने अंदर उर्जा को समेटे होता है और शरीर पर असर दिखाने का काम करता है। अगर इसे बार-बार उतारा जाता है तो इसके काम करने की शक्ति प्रभावित होती है।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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