Sawan 2024: शिव जी को न अर्पित करें ये 7 चीजें, जीवन में आ सकती हैं परेशानियां

सावन के सोमवार को व्रत रखा जाता है। इस दिन भक्त केवल फलाहार या जल का सेवन करते हैं। साथ ही दिन भर भगवान शिव की उपासना में लीन रहते हैं।

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Sawan 2024 : सावन का महीना भगवान शंकर की उपासना के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव के भक्त उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिरों में देखने को मिलती है। शिवालय फूलों से सजा दिए जाते हैं। फूलों की माला, दीपक और धूप से मंदिर का वातावरण भक्तिमय हो जाता है। इस दौरान जातक शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से अभिषेक करते हैं। बेलपत्र, धतूरा, और भांग भी शिव जी को अर्पित किए जाते हैं। कई स्थानों पर सामूहिक रूप से रुद्राभिषेक और महामृत्युञ्जय मंत्र का जाप किया जाता है। वहीं, सावन के सोमवार को व्रत रखा जाता है। इस दिन भक्त केवल फलाहार या जल का सेवन करते हैं। साथ ही दिन भर भगवान शिव की उपासना में लीन रहते हैं।

First Sawan Somvar 2023

सावन महीने का प्रारंभ और समापन

  • शुरुआत: 22 जुलाई 2024, दिन सोमवार से होगी।
  • समापन: 19 अगस्त 2024, दिन सोमवार को रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर होगा।
  • कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि: 21 जुलाई 2024, दिन रविवार को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी। इसलिए पंचांग के अनुसार, 22 जुलाई से सावन माह प्रारंभ होगा।

ना चढ़ाएं ये चीजें

  • शिव जी को भूलकर भी सिंदूर और रोली नहीं अर्पित करनी चाहिए। यह चीजें शिव पूजन में वर्जित मानी जाती हैं।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भोलेनाथ को केतकी और कमल का फूल अर्पित नहीं करना चाहिए।
  • शिव पूजन में सफेद रंग का उपयोग शुभ माना जाता है। यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
  • मान्यताओं के अनुसार, भोले बाबा को हल्दी अर्पित नहीं करनी चाहिए।
  • शिवलिंग पर स्त्री से जुड़ी किसी भी चीज को अर्पित नहीं करना चाहिए, जैसे कि कुमकुम, चूड़ियां या सुहाग का सामान, आदि।
  • शिव जी को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। तुलसी माता लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती हैं।
  • भगवान शंकर को नारियल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि नारियल देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।

महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में शिव जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली दरिद्रता और आर्थिक समस्याओं का नाश होता है। उनकी आराधना और जलाभिषेक से सभी प्रकार के रोग और दोष समाप्त होते हैं, जिससे व्यक्ति का स्वास्थ्य और मनोबल मजबूत होता है। साथ ही घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इसलिए सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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