Shani Upay: धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनिवार का दिन शनि देव और हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में, शनि को कर्मफलदाता और न्याय का देवता माना जाता है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी होती है, तो उसे जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। वहीं, शनि की दशा या साढ़े साती के दौरान व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शनिवार के दिन शनि देव और हनुमान जी की पूजा करने से शनि के प्रकोप को कम किया जा सकता है और जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है।
शनि दोष के लक्षण
शनि दोष से ग्रस्त व्यक्ति को हमेशा किसी न किसी बात की चिंता हर वक्त रहती है। इन लोगों को बिना किसी कारण के ही गुस्सा आ जाता है और वे अक्सर असंतुष्ट रहते हैं। शनि दोष से पीड़ित व्यक्ति अक्सर उदास और निराश रहते हैं और उनकी रुचि किसी भी काम में नहीं रहती है। शनि को व्यवसाय का कारक ग्रह माना जाता है। जिनकी कुंडली में शनि दोष होता है उन्हें व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। शनि दोष के कारण व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
ये 3 उपाय शनि के प्रकोप से दिलाएंगे मुक्ति
- शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखकर शनि चालीसा का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी कुंडली में शनि का बुरा प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। हनुमान जी को शनिदेव का प्रिय मित्र माना जाता है। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने और उन्हें सिंदूर अर्पित करने से शनि के दुष्प्रभाव कम होते हैं। शनिदेव की पूजा भी शनिवार के दिन करनी चाहिए। उन्हें काला तिल, उड़द और नीला फूल अर्पित करें। शनिवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। हमेशा सकारात्मक सोच रखें और किसी के प्रति बुरा न सोचें।
- शनि ग्रह की वक्र दृष्टि से बचने के लिए शनिवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत उत्तम फलदायी होता है। इसके बाद एक लोटे में जल, दूध और चीनी मिलाकर बरगद के पेड़ पर अर्पित करना चाहिए। यह उपाय करने से शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है और शनि की वक्र दृष्टि का प्रभाव कम हो सकता है। बरगद का पेड़ शनि देव का प्रिय वृक्ष माना जाता है। इस पेड़ पर जल चढ़ाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा शनिवार के दिन शनि देव की पूजा भी करनी चाहिए। उन्हें काला तिल, उड़द और नीला फूल अर्पित करें। दान करना भी बहुत पुण्य का काम माना जाता है। शनिवार के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें यह सब करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
- शनि देव को कर्म भाव का स्वामी माना जाता है। शनि देव हमें कर्मों के अनुसार फल देते हैं। यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं या उनकी वक्र दृष्टि से बचना चाहते हैं, तो सबसे सरल उपाय है कि आप अच्छे कर्म करें। जरूरतमंदों की मदद करना। सत्य बोलना और ईमानदारी से जीवन जीना। किसी को भी गलत न बोलना और गुस्सा न करना। दयालु और क्षमाशील बनना।(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)