धर्म, डेस्क रिपोर्ट। हिंदू धर्म में श्राद्ध पक्ष (Shradh Paksha) का काफी ज्यादा महत्व माना जाता है। श्राद्ध पक्ष में पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, यज्ञ, पिंडदान जैसे कार्य किए जाते हैं। इतना ही नहीं पितरों की आत्मा की शांति के लिए अलग-अलग उपाय भी किए जाते हैं। ऐसे में श्राद्ध पक्ष के दौरान शुभ कार्यों का करना वर्जित माना जाता है।
लेकिन ज्योतिषियों का मानना है कि हर साल महालक्ष्मी व्रत भादो मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। वहीं अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में गज लक्ष्मी (Gaja Lakshmi Vrat) का व्रत आता है। इसको लेकर ज्योतिष द्वारा बताया गया है कि यह व्रत 16 दिनों तक चलता है।
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16 दिन अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को गज लक्ष्मी व्रत मनाया जाता है। इस दिन लोग महालक्ष्मी के लिए व्रत रखते हैं। कहा जाता है कि इस तन महालक्ष्मी हाथी पर विराजत होती है। गज लक्ष्मी व्रत के दौरान लक्ष्मी जी की पूजा अर्चना करना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा करने से हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
इतना ही नहीं कहा जाता है कि गज लक्ष्मी व्रत के दौरान सोने की खरीदारी अत्यंत शुभ मानी जाती है। दरअसल ऐसा करने से सोना 8 गुना बढ़ जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे तो चलिए जानते हैं, गज लक्ष्मी व्रत पर सोना खरीदना क्यों शुभ माना जाता है, जबकि श्राद्ध पक्ष में खरीदारी और शुभ कार्य करना वर्जित होते हैं।
इसलिए शुभ होता है सोना खरीदना –
जानकारी के मुताबिक और मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है ऐसे में अगर कोई सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करता है तो वह रंक को भी राजा बना देती है। इतना ही नहीं कहा जाता है कि हर किसी को गज लक्ष्मी व्रत रखना चाहिए। यह व्रत रखने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि गज लक्ष्मी व्रत के दौरान सोना खरीदना बेहद शुभ साबित होता है।
इसके पीछे की मान्यता यह है कि अगर गज लक्ष्मी व्रत के दौरान सोना खरीदा जाए तो वह 8 गुना तक बढ़ जाता है। ऐसे में आपको बता दें, इस बार 17 सितंबर के दिन गज लक्ष्मी का व्रत आ रहा है। इस व्रत को महालक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है। इस दिन कई जगह पर लक्ष्मी पर्व भी मनाया जाता है। वही 16 दिन मां की विधि विधान से पूजा करने के बाद 17 दिन उनका उद्यापन करना जरूरी होता है।
डिस्क्लेमर : इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।