भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में बहुत ज्यादा महत्व होता है। यदि घर में वास्तु दोष निकल जाए तो सारी मेहनत बर्बाद हो सकती है । जिससे घर के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है घर में वास्तु दोष होने के कारण कैरियर स्वास्थ्य पारिवारिक परेशानियों का सामना करने की संभावनाएं होती हैं इसलिए वास्तु दोष को काबू में करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। यदि घर में मंदिर हो तो , और भी खास ख्याल रखने की जरूरत होती है ।
घर में मंदिर कहां या कहां नहीं ? इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। यदि मंदिर गलत दिशा में हो तो वास्तु दोष उत्पन्न हो सकते हैं , जो घर में रहने वाले लोगों के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं होता। इसलिए मंदिर समेत घर में अन्य चीजों के वास्तु का भी खास ख्याल रखना चाहिए।
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घर में मंदिर पूर्वी दिशा में होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार पूरब की दिशा बहुत ज्यादा शुभ मानी जाती है । इसलिए पूरब दिशा में ही मंदिर बनवाया जाता है , जिससे घर का माहौल खुशहाल होता है और भगवान की कृपा भी बरसती है । वास्तु शास्त्र के मुताबिक दक्षिण दिशा में मंदिर बनवाने से धन की हानि होती है और घर का माहौल भी बहुत बुरा होता है। जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर में मोर पंख और गंगाजल रखना बहुत शुभ माना जाता है । क्योंकि जहां मोरपंख भगवान कृष्ण को बहुत पसंद है तो वही हिंदू मान्यताओं के अनुसार गंगाजल बहुत पवित्र होता है इससे भगवान पसंद भी होते हैं।
घर के मंदिर में हमेशा शालिग्राम और गणेश की मूर्ति रखना शुभ होता है । कम से कम 5 देवताओं की मूर्ति रखनी चाहिए , जिसमें कृष्ण -राधा , गणेश और शालिग्राम शामिल है । वास्तु शास्त्र के मुताबिक मंदिर में शिवलिंग रखा जा सकता है , लेकिन अधिक बड़े आकार का नहीं , और यदि आप घर में शिवलिंग रखते हैं , तो आपको हर रोज जल चढ़ाना भी जरूरी होता है। गाय के शुद्ध घी से दीपक जलाने से भी घर में सुख शांति आती है।