दिवाली पर श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर में करें दर्शन, सभी मनोकामनाएं होंगी पूर्ण, जानें इसकी खासियत

दीपावली के मौके पर तमिलनाडु के वेल्लोर में स्थित श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजा और सजावट की जाती है। यदि आप दिवाली के मौके पर ही यहां जाना चाहते हैं, तो आपके लिए यह मंदिर बेस्ट रहेगा।

देशभर में आज से दिवाली का त्योहार शुरू हो चुका है, जिसका पहला दिन धनतेरस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बाजार लोगों से खचाखच भरी रहती है। लोग सोने-चांदी, बर्तन के अलावा अन्य कई सारी चीजों की खरीदारी करते हैं। यह रोशनी और खुशियों का त्यौहार है। वहीं, दिवाली की बात करें तो इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है। ऐसे में हर घर में लक्ष्मी गणेश की मूर्ति लाकर उनकी विधि-विधान पूर्वक पूजा होती है।

यदि आप दिवाली के दिन लक्ष्मी माता के मंदिर जाना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक ऐसी मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां देवी के दर्शन करने के लिए विश्व भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।

रखी जाती है निगरानी

आम दिनों में इस मंदिर में काफी ज्यादा भीड़ रहती है, लेकिन दिवाली के खास मौके पर भीड़ में दो से तीन गुना वृद्धि देखने को मिलती है। ऐसे में मंदिर परिसर में विभिन्न प्रकार की व्यवस्थाएं कराई जाती हैं। इसके अलावा, सुरक्षा की दृष्टि से कड़ी निगरानी करने के साथ ही सख्त कदम भी उठाए जाते हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं। पुलिस प्रशासन जगह-जगह पर मुस्तैद रहती है, ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना घटित हो।

श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर

दरअसल, माता लक्ष्मी का यह मंदिर भारत के दक्षिणी राज्य में स्थित है, जो सोने से बना हुआ है। रात के समय यहां का नजारा काफी अलग और सुंदर होता है। इस मंदिर का नाम श्रीपुरम महालक्ष्मी मंदिर है, जो कि तमिलनाडु के वेल्लोर नगर में मलाईकोड़ी पहाड़ों पर स्थित है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मंदिर को बनाने में 300 करोड रुपए खर्च हुए हैं, जिसमें 15 हजार किलोग्राम शुद्ध सोना इस्तेमाल किया गया है। मंदिर का ऊपरी हिस्सा सोने की परत से ढका हुआ है। पुरी मंदिर को एक एकड़ में बनाया गया है, जो देखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लगता है। दिवाली के समय सजावट के बाद ऐसा लगता है… मानो या मंदिर में साक्षात् देवी विराजमान हो गई हों और वह दुल्हन की तरह सज धज कर तैयार हों।

इस मंदिर में स्थापित लक्ष्मी जी की मूर्ति सोने से लदी रहती है। दिवाली के दिन इस टेंपल को रंग बिरंगी लाइटों से सजा दिया जाता है। ताजे फूल चढ़ाए जाते हैं। भजन और धार्मिक गाना माहौल को एकदम सुकून भरा बना देता है। यहां मूर्ति के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। कई बार भीड़ इतनी ज्यादा होती है कि लोग रात से ही लाइन लगा लेते हैं, ताकि वह सुबह मां लक्ष्मी के दर्शन प्राप्त कर सके।

खास तालाब

मंदिर के पास ही एक तालाब बनाया गया है। यहां आने वाले भक्त इसमें जरूर स्नान करते हैं। इस तरह आपकी खास बात यह है कि इसमें देशभर की नदियों का जल एकत्रित किया गया है। इसके जल को मनोकामना पूर्ति जल कहा जाता है। मान्यता है कि इस पानी से नहाने या छूने से जातक की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। उनके घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती। जीवन में सुखों का आगमन हो जाता है। सदस्य तरक्की के रास्ते पर आगे चलने लगते हैं।

365 दिन खुला रहता है कपाट

बता दें कि यह मंदिर साल 365 दिन खुला रहता है। रात के समय लाइटों की रोशनी में सोने की चमक कई गुना बढ़ जाती है। भक्त यहां किसी भी दिन आकर दर्शन प्राप्त कर सकते हैं और यदि वह रात में इस खूबसूरत नजारे को निहारना चाहते हैं तो वह यहां पर रुक भी सकते हैं। यहां आस-पास श्रद्धालुओं के लिए बजट में कई सारे होटल भी बनाए गए हैं जहां उन्हें तमाम तरह की सुख सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)


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