2023 में कब और कितने लगेंगे सूर्य ग्रहण-चन्द्र ग्रहण? राशियों पर पड़ेगा प्रभाव? यहां जानें सबकुछ

Pooja Khodani
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Solar-Lunar Eclipses 2023: जल्द ही नया साल 2023 लगने वाला है, ऐसे में नए साल में कितने ग्रहण लगेंगे, क्या वह ग्रहण भारत में दिखेंगे या नहीं और सूतक काल मान्य होगा या नहीं, इनका राशियों पर क्या असर पड़ेगा जैसे तमाम सवाल आपके मन में उठ रहे होंगे और इन्हीं सवालों के जवाब हम आपके लिए लेकर आए है।

ज्योतिषीय भविष्यवाणी के अनुसार, नए साल में 2 सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2023) और 2 चन्द्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2022) लगेंगे। खास बात ये है कि चारों ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देंगे, ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसके भारत में दिखाई देने वाला पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को होगा।

सूर्य ग्रहण-राशियों पर असर

  • पंचांग के अनुसार नए साल 2023 का पहला ग्रहण सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 बृहस्पतिवार को सुबह 7.04 बजे से दोपहर 12.29 मिनट तक लगेगा।
  • यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इस लिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
  • यह सूर्य ग्रहण मेष राशि में होगा। इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव मेष, कर्क, तुला और मकर राशियों पर पड़ सकता है।
  • साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को पड़ेगा। यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा।
  • अर्थात साल 2023 में लगने वाले दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। दूसरा सूर्य ग्रहण पश्चिमी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, अटलांटिका और आर्कटिका में नजर आएगा।

चन्द्र ग्रहण-राशियों पर असर

  • साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण पंचांग के अनुसार 5 मई 2023 दिन शुक्रवार को लगेगा। इसके बाद इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 दिन रविवार को लगेगा।
  • 29 अक्टूबर 2023 को लगने वाला चंद्र ग्रहण का समय 01.06 बजे शुरू होगा और 02.22 बजे समाप्त होगा। स्थानीय ग्रहण की अवधि एक घंटे सोलह मिनट और सोलह सेकंड तक रहेगी।
  • 8 नवंबर 2022 के पूर्ण चंद्र ग्रहण के बाद अब अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण जो भारत में दिखाई देगा, वह 7 सितंबर 2025 को होगा।’

क्या होता है सूर्य और चन्द्र ग्रहण

  • जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो सूरज की रोशनी धरती तक पहुंच नहीं पाती है। इसे ही सूर्य ग्रहण का नाम दिया गया है।
  • चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है। इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है।
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं। इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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