प्रदोष व्रत करने का सही तरीका, इस दिन क्या करें और क्या ना करें, हर व्रती को जानना चाहिए

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए किया जाता है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, जो शुक्ल और कृष्ण पक्ष दोनों में आता है।

भावना चौबे
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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत हर में महीने दो बार, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना कर उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

प्रदोष व्रत के पालन में कुछ खास नियम होते हैं जिनमें शुद्धता का ध्यान रखना उपवास रखना भगवान शिव की आरती और रुद्र अभिषेक करना शामिल है। इसके अलावा इस दिन ऐसे कई काम है जिन्हें नहीं करना चाहिए। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि प्रदोष व्रत के दिन कौन-कौन से काम करना चाहिए और कौन-कौन से काम नहीं करना चाहिए, तो चलिए जानते हैं।

इस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 6:23 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 29 नवंबर को सुबह 8:39 पर समाप्त होगी। उदय तिथि के अनुसार 28 नवंबर को मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा।

प्रदोष व्रत के दिन क्या-क्या करना चाहिए

1. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व होता है। इसलिए व्रती को इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा करनी चाहिए, जिसमें शिव मंत्र का जाप करना अत्यंत फलदायक माना जाता है।

2. प्रदोष व्रत की शुरुआत से पहले एक पवित्र संकल्प लेना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। संकल्प लेने से पहले वृद्धि को अपने मां और शरीर को पूरी तरह से शुद्ध करना चाहिए। इसके लिए स्नान करके शुद्ध अवस्था में बैठकर संकल्प लिया जाता है।

3. प्रदोष व्रत आमतौर पर उपवास के साथ किया जाता है, जिसका उद्देश्य भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करना होता है। व्रती को इस दिन केवल फलाहार या पानी का सेवन करने की अनुमति होती है। फलाहार में व्रती फल, सूखे मेवे और दूध से बने पदार्थ खा सकते हैं।

4. प्रदोष व्रत की पूजा का विशेष महत्व रात्रि के समय होता है, खासकर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय। यह वह समय होता है जब वातावरण शुद्ध और शांत रहता है, और भगवान शिव की पूजा का अधिक फल मिलता है। इसलिए सूर्योदय के समय और सूर्यास्त के समय भगवान शिव की आराधना करने से विशेष लाभ होता है।

प्रदोष व्रत के दिन क्या-क्या नहीं करना चाहिए

1. प्रदोष व्रत के दिन शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखने के लिए कुछ खास आहार नियम होते हैं। इस दिन लहसुन, प्याज, मांस, मछली और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सभी तामसिक भोजन माने जाते हैं।

2. प्रदोष व्रत के दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित होता है और काले रंग को शांति, साकारात्मक ऊर्जा की विपरीत माना जाता है।

3. प्रदोष व्रत के दिन किसी से विवाद नहीं करना चाहिए और ना ही क्रोध करना चाहिए, क्योंकि यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए होता है। व्रती को इस दिन मानसिक शांति बनाए रखनी चाहिए और अपने विचारों को सकारात्मक रखना चाहिए।


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भावना चौबे

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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