Marriage Rituals : इन दिनों शादियों का सीजन चल रहा है। हर गली-मोहल्ले शहनाइयों से गूंज रहे हैं। देवउठनी एकादशी से ही शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू हो चुका है। बेटियां डोली में बैठकर अपने पिता के घर से विदा होकर ससुराल चली जाती हैं। यह काफी भावुक समय होता है, जब जन्म देने वाले माता-पिता नम आंखों से अपनी बेटी को विदा करते हैं। लड़की के घर में शादी संपन्न होने के बाद विदाई आखिरी रस्म होती है, जिसमें सभी लोगों की आंखें नम हो जाती है। जिसे जन्म दिया हो, पाल-पोस्कर बड़ा किया हो, उसे अब किसी और के हाथों सौंपना बहुत ज्यादा तकलीफदायक होता है, लेकिन यही दुनिया की रीत है, जिसे हर किसी को निभाना होता है। हालांकि, शादी के लिए ग्रहों का शुभ होना भी बेहद जरूरी होता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति से यह पता चलता है कि आपकी शादी जल्दी होगी या इसमें कुछ अड़चने आएगी। यदि आपकी शादी में भी देरी हो रही है, तो आपको कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए।
दिसंबर की बात करें, तो इस बार 6 दिन में विवाह के शुभ मुहूर्त है। सभी मैरिज गार्डन, क्लब आदि बुक है। शादी-विवाह बहुत ही भाग से होता है। हिंदू धर्म में शीघ्र विवाह के लिए कई सारे व्रत और उपाय किए जाते हैं। खासकर महिलाएं अच्छा वर पाने के लिए बहुत सारे व्रत रखती हैं।
विवाह का महत्व (Marriage Rituals)
हिंदू धर्म में शादी का बंधन बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान लड़का और लड़की एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं। दोनों मिलकर एक नए सफर की शुरुआत करते हैं। भारत में हर समुदाय के लोग शादी की रस्मों के साथ यह कार्यक्रम करते हैं। इस दौरान दो परिवार का भी मिलन होता है। शादी की डेट फाइनल होने के बाद घरों में तैयारियां शुरू होने लगती है। दूल्हा-दुल्हन भी तैयारियों में जुट जाते हैं। वहीं, शादी से पहले कुछ रस्में भी निभाई जाती हैं, जिनका काफी ज्यादा महत्व होता है। जिसकी शुरुआत माटी मटकोर से की जाती है। इसके बाद तरह-तरह के रस्में निभाई जाती है, इनमें से एक विदाई की रस्म भी शामिल है।
करें ये उपाय
- ज्योति शास्त्रों के अनुसार, सोमवार के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करने से शादी के योग जल्दी बनते हैं।
- इसके अलावा, राधा कृष्ण के प्रतिमा पर सुगंधित फूल अर्पित करने से भी अतिशिघ्र शादी के योग बनने लगते हैं, क्योंकि राधा और कृष्ण प्रेम का प्रतीक माने जाते हैं। इनकी पूजा-अर्चना करने से अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।
- शादी में अड़चनें आने पर गुरुवार को जल में हल्दी मिलाकर केले के पौधे में अर्घ्य दें। इस दौरान आपको ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरुवे नमः मंत्र का जाप भी करना है। चुकिं, गुरु ग्रह को विवाह का कारक ग्रह माना जाता है, इसलिए देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करना बेहद जरूरी है। कुंडली में उनकी नाराज स्थिति आपके विवाह में देरी का कारण बन सकती है।
- वहीं, शादी के लिए शनि देव को शनिवार को काला तिल और कंबल दान करें। कई बार मांगलिक दोष होने के कारण भी विवाह के लग्न नहीं बन पाते हैं। इसके लिए आपको मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करनी है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)