मध्य प्रदेश के 3 सबसे प्रसिद्ध गणेश मंदिर, एक झलक के लिए उमड़ती है भीड़, आप भी करें दर्शन

Ganesh Temples: मध्य प्रदेश में गणेश जी के कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर हैं। इन मंदिरों में से कुछ मंदिरों में भगवान गणेश के अनोखे स्वरूप देखने को मिलते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान इन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

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Ganesh Temples: गणेश चतुर्थी भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व है जो भगवान गणेश को समर्पित है। देशभर की गली-मोहल्ले में इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाला यह त्यौहार भक्तों के लिए उत्साह और उल्लास लेकर आता है। इस साल 7 सितंबर से यह पर्व मनाया जा रहा है। इस त्यौहार पर लोग अपने घरों में भगवान गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 10 दिनों तक उनकी पूजा अर्चना करते हैं और अलग-अलग प्रकार के भोग लगाते हैं।

यह त्यौहार ऐसा है जो न सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित है बल्कि यह त्यौहार देशभर के कोने में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। मध्य प्रदेश में भी इस त्यौहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। अगर आप इस बार मध्य प्रदेश में भगवान गणेश के दर्शन करना चाहते हैं, तो आज हम आपको इस लेख के द्वारा मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे फेमस गणेश मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाकर आप इस बार अपनी गणेश चतुर्थी को और भी खास बना सकते हैं और दर्शन कर सकते हैं।

चिंतामण गणेश मंदिर, उज्जैन

मध्य प्रदेश में उज्जैन में स्थित चिंतामण गणेश मंदिर भगवान गणेश का एक प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है। उज्जैन को महादेव की नगरी कहा जाता है महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु आते हैं लेकिन गणेश उत्सव के दौरान चिंतामण मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती हैं। इस मंदिर को लेकर ऐसा कहा जाता है कि इसकी स्थापना स्वयं भगवान गणेश ने की थी। इसके अलावा कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इस मंदिर का निर्माण करवाया था। गणेश उत्सव के दौरान इस मंदिर का रंग रूप अलग ही देखने को मिलता है।

खजराना गणेश मंदिर, इंदौर

इंदौर शहर जिसे भारत का सबसे स्वच्छ शहर माना जाता है। इंदौर में स्थित खजराना गणेश मंदिर मध्य प्रदेश के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। यह मंदिर न केवल अपनी वास्तुकला बल्कि अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए भी मशहूर है। इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां आकर दर्शन करता है और मंदिर की दीवार पर धागा बांधता है या फिर उल्टा स्वास्तिक बनाता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। लेकिन इस मंदिर को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि जब मनोकामना पूरी हो जाए तो स्वास्तिक को सीधा करने के लिए एक बार फिर दर्शन के लिए खजराना गणेश मंदिर जाना चाहिए। इसी विश्वास के कारण यहां देशभर से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। गणेश चतुर्थी के दसों दिन यहां भारी भीड़ देखने को मिलती है।

कल्कि गणेश मंदिर, जबलपुर

मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित कल्कि गणेश मंदिर राज्य का एक अत्यंत पवित्र और चमत्कारी स्थल माना जाता है। इस मंदिर में भगवान गणेश को कल्कि अवतार में पूजा जाता है, जो अन्य मंदिरों में देखे जाने वाले सामान्य स्वरूप से काफी अलग दिखाई देते हैं। इस मंदिर की सबसे ज्यादा खास बात यह है कि यहां भगवान गणेश चूहे की सवारी के बजाय घोड़े पर सवार हैं। यह अद्भुत दृश्य भक्तों को अत्यंत आकर्षित करता है और दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। गणेश चतुर्थी के उत्सव पर यहां फूलों से पूरे मंदिर को सजाया जाता है, दूर दराज से लोग दर्शन के लिए आते हैं।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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