Pradosh Vrat 2024 : सनातन धर्म हर पर्व और त्यौहार का अपना एक अलग महत्व होता है। प्रदोष व्रत भी भगवान शिव को समर्पित होता है जोकि हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। इस खास मौके पर महादेव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। इसी कड़ी में आज फाल्गुन माह का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बाबा भोलेनाथ की पूजा करने से सड़क के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। बता दें कि इस दिन भगवान शंकर की पूजा शाम में विधिवत करना चाहिए, इससे उनके जीवन में ऐश्वर्या, धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
वहीं, आज का प्रदोष व्रत काफी शुभ माना जा रहा है। दरअसल, आज के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे जातकों को अच्छे फल प्राप्त होंगे।
शुभ मुहूर्त
- व्रत 21 मार्च 2024 मंगलवार की रात 8:24 बजे से शुरू हो चुका है जोकि 22 मार्च 2024 यानी बुधवार की रात 10:24 बजे समाप्त होगा।
- पूजा का मुहूर्त शाम 6:21 बजे से 8:59 बजे तक है।
शुभ योग का निर्माण
आज के दिन धृति योग, रवि योग, सूर्य-बुध का योग और त्रिग्रही योग निर्मित हो रहा है जोकि संतोष, समृद्धि और सम्मान के लिए शुभ माना जाता है। ये सभी योग आज के दिन को अत्यधिक शुभ बना रहते हैं।
करें ये उपाय
- भगवान का जलाभिषेक शहद और तिल का तेल मिलाकर करें।
- पूजा में पत्र, धतूरा, दूध, दही, घी, चावल, मिठाई, फल, फूल, नारियल, धूप, दीप, अगरबत्ती अर्पित करें।
- इसके अलावा, घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बना भोग चढ़ाएं।
महत्व
यह व्रत भगवान शिव की अराधना के लिए बेहद खास माना जाता है। इस दिन उपवास रखने से भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त होती है। इसलिए जो भी लोग आज प्रदोष व्रत रख रहे हैं, उन्हें मनचाहा फल मिल सकता है। इस व्रत को करने से उन्हें स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि मिलती है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में कष्टों का नाश होता है।
ना करें ये काम
- पूजा की जगह पर गंदगी न होने दें।
- लहसुन, प्याज आदि तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- मांस और मदिरा का त्याग करें।
- लड़ाई, झगड़ा या कलह से दूर रहें।
- सुबह देर तक ना सोएं।
- बिना नहाए शिवलिंग को स्पर्श न करें।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)