Mandir Niyam: मंदिर में इन चीजों को रखने से नकारात्मकता बढ़ती है, आज ही करें इन्हें बाहर

Mandir Niyam: हिंदू धर्म में, घर के मंदिर को सदैव शुभ और पूजनीय माना जाता है। यह केवल धार्मिक स्थल होने के साथ-साथ, आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी होता है। जहाँ देवी-देवताओं का वास होता है, वहां सकारात्मकता और समृद्धि का वास होता है।

Bhawna Choubey
Published on -

Mandir Niyam: सनातन धर्म में घर के मंदिर का विशेष महत्व होता है। यह देवी-देवताओं का वासस्थान होता है और पूजा-अर्चना का पवित्र स्थान माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें घर के मंदिर में रखने से नकारात्मकता आ सकती है और जीवन में कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं? वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में कुछ चीजों को रखने से बचना चाहिए। इन चीजों की वजह से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और घर में अशांति पैदा हो सकती है।

मंदिर में भूलकर भी न रखें ये चीजें

  • वास्तु शास्त्र, घरों में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देशों का एक प्राचीन विज्ञान है। इसका मानना है कि घर के मंदिर में रखी जाने वाली चीजें, वहां रहने वालों के जीवन को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए, वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में भगवान के रूद्र स्वरूप की प्रतिमा रखने से बचना चाहिए। रूद्र, भगवान शिव का एक उग्र रूप हैं, जो विनाश और परिवर्तन का प्रतीक हैं। माना जाता है कि इनकी मूर्ति घर में नकारात्मक ऊर्जा और अशांति ला सकती है।
  • इसके अलावा, खंडित या क्षतिग्रस्त मूर्तियों को भी मंदिर में रखने से बचना चाहिए। ऐसी मूर्तियां नकारात्मकता और अशुभता का प्रतीक मानी जाती हैं। इनके स्थान पर, शांत और सौम्य देवी-देवताओं की मूर्तियां रखना शुभ माना जाता है, जैसे कि भगवान लक्ष्मी, भगवान गणेश, या देवी सरस्वती। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मंदिर को हमेशा स्वच्छ और व्यवस्थित रखा जाए। नियमित रूप से दीप प्रज्ज्वलित करें और ताजे फूल और मालाएं अर्पित करें। इन बातों का पालन करके आप अपने घर के मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रख सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में कैंची, चाकू, सुई और अन्य नुकीली चीजें रखने से बचना चाहिए। इन वस्तुओं को मंदिर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जिससे घर में कलह, तनाव और आर्थिक परेशानियां हो सकती हैं। नुकीली चीजें हिंसा और क्रोध का प्रतीक मानी जाती हैं, जो मंदिर के शांत और पवित्र वातावरण के विपरीत होती हैं। इन चीजों की मौजूदगी से मन में नकारात्मक विचार आते हैं और एकाग्रता भंग होती है।
  • मंदिर, देवी-देवताओं का वासस्थान होने के साथ-साथ, आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र भी होता है। यहाँ सकारात्मकता और पवित्रता का माहौल बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर में कटी-फटी, फटी हुई, या क्षतिग्रस्त धार्मिक पुस्तकों को रखने की मनाही है। ऐसा माना जाता है कि इन पुस्तकों में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, जो मंदिर के पवित्र वातावरण को दूषित करती है। क्षतिग्रस्त धार्मिक पुस्तकें अधूरे ज्ञान और अधूरी भक्ति का प्रतीक हैं। इनकी वजह से नकारात्मक विचारों का प्रवाह होता है और मन में अशांति पैदा होती है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


About Author
Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

Other Latest News