Tulsi Pujan Diwas 2024 : सनातन धर्म में तुलसी को माता का स्थान प्राप्त है। शास्त्रों में उन्हें देवी लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है, जो भगवान विष्णु की पत्नी हैं। तुलसी का पौधा केवल धार्मिक दृष्टि से ही पूज्यनीय नहीं है, बल्कि यह औषधिय गुणों से भी भरपूर है। घर में तुलसी का पौधा लगाने से सुख-समृद्धि, शांति आती है। बता दें कि मां तुलसी के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है।
इस दिन मां तुलसी की पूजा-अर्चना करने पर भगवान विष्णु अति शीघ्र अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं। कार्तिक महीने और तुलसी विवाह के समय तुलसी पूजन का विशेष महत्व होता है।
शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष महीने के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि 24 दिसंबर को शाम 07 बजकर 52 मिनट पर इसका शुभारंभ होगा। जिसका समापन अगले दिन यानी 25 दिसंबर को रात 10 बजकर 29 मिनट पर होगा। ऐसे में 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाएगा।
मान्यता
मान्यताओं के अनुसार, मां तुलसी की पूजा-अर्चना करने पर घर से नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती है। साथ ही घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। देवी-देवताओं का आगमन होता है, जिससे घर में सुख और समृद्धि आती है। आयुर्वेद में तुलसी के पत्तों को सर्व रोग निवारिणी कहा गया है। यह कई बीमारियों के लिए घरेलू नुस्खा भी होता है।
ऐसे करें पूजा
- इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें।
- इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर तुलसी के पौधे पर जल अर्पित करें।
- फिर पौधे के पास घी का दीपक जलाएं।
- पूजन के दौरान अक्षत, चंदन, रोली, आदि चढ़ाएं।
- तुलसी माता के पौधे पर लाल चुनरी, श्रृंगार का सामान, माला, पंचामृत, फल और मिठाई चढ़ाएं।
- इसके बाद धूप दिखाकर माता की आरती करें।
- इस दौरान आप वैदिक मित्रों का भी उच्चारण कर सकते हैं।
करें ये उपाय
- तुलसी पूजन के दिन धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इसकी मंजरियों को पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी पर रख दें। इससे आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- आप तुलसी की मंजरी को घर के बालकनी की उत्तर या पूर्व दिशा में रख सकते हैं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर होगी।
- यदि विवाह में देरी हो रही है, तो तुलसी के पौधे की साथ 111 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से मांगलिक कार्यक्रमों में आ रही अड़चने दूर हो जाएंगी।
क्या करें और क्या ना करें
तुलसी पूजन के मौके पर ब्राह्मणों या फिर जरूरतमंदों को दान देना बेहद शुभ माना जाता है। यदि आप इस दिन किसी भी तीर्थ स्थल पर जाते हैं, तो कुछ-ना-कुछ आवश्यक दान करें। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। किसी से भी विवाद करने से बचें। तुलसी पत्र तोड़ना इस दिन वर्जित माना जाता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)