Tulsi Vivah 2024: तुलसी विवाह का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो जीवन में सुख समृद्धि, सौभाग्य और दांपत्य जीवन में संतुलन लाने का कारक है। प्रबोधिनी एकादशी से आरंभ होकर पूर्णिमा तक मनाया जाने वाला यह पर्व विशेष रूप से तुलसी माता और शालिग्राम की पूजा के लिए समर्पित होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी विवाह संपन्न कराने में दांपत्य जीवन में खुशियां और समृद्धि आती है। तथा अविवाहित युवतियों के शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। इस दिन विशेष पूजन करने से जीवन में चल रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। तुलसी विवाह के दौरान कुछ विशेष उपाय करने चाहिए और कुछ कार्यों से परहेज करना चाहिए ताकि इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।
तुलसी विवाह के दिन क्या करें
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता और भगवान विष्णु की पूजा को विधिवत रूप से करना अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन तुलसी माता को सुंदर वस्त्र आभूषण और फूलों से सजाया जाता है। तथा विशेष मंत्रों और विधियों के साथ पूजा अर्चना की जाती है।
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता को लाल चुनरी, सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, आलता जैसे सुहाग का सामान अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। यह सुहाग सामग्री तुलसी माता को सजाने और उनका पूजन करने का प्रतीक होती है, जो उनके सम्मान और दिव्यता को दर्शाती हैं। लाल चुनरी से तुलसी माता का श्रृंगार करने से सुख समृद्धि और दांपत्य जीवन में प्रेम व सौहार्द बना रहता है।
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता की परिक्रमा करना अत्यंत शुभ माना गया है। ऐसा माना जाता है कि तुलसी माता की परिक्रमा करने से पवित्रता सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। परिक्रमा के दौरान भगवान विष्णु तुलसी माता के मत्रों का जाप करने से विशेष आशीर्वाद मिलता है।
तुलसी विवाह के दिन माता तुलसी को भोग लगाना और तुलसी स्त्रोत का पाठ करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। तुलसी माता को भोग अर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है जो घर में सुख शांति और समृद्धि लाने में मददगार होता है। तुलसी स्त्रोत का पाठ करने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता की पूजा के साथ-साथ शाम को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना बहुत शुभ माना गया है। यह दीपक जलाने से न केवल वातावरण पवित्र होता है बल्कि यह भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का प्रतीक भी है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
तुलसी विवाह के दिन क्या न करें
तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता की पत्तियों को तोड़ना वर्जित माना गया है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु से संपन्न होता है और तुलसी को सजाने संवारने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पावन अवसर पर पत्तियां तोड़ने से अशुभता आ सकती है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।
तुलसी विवाह के दिन तामसिक भोजन का सेवन करना वर्जित माना गया है। इस पावन अवसर पर सात्विकता का पालन करना महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि तामसिक भोजन का सेवन करने से पूजा की शुद्धता और पवित्रता में कमी आ सकती है। तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु से होता है और इस दिन सात्विक आहार ग्रहण करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।
तुलसी विवाह के दिन किसी भी व्यक्ति को अपशब्द बोलने से बचना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इस शुभ अवसर पर संयमित और मधुर वाणी का उपयोग करने से सकारात्मक ऊर्जा और शांति का वातावरण बना रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अपशब्द बोलने से पूजा का फल कम हो सकता है और नकारात्मकता का संचार होता है।