अक्षय नवमी पर क्यों लगाना चाहिए आंवले का पेड़, जानें इसके नियम और महत्व

Vastu Tips: अक्षय नवमी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसे शुभता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। आंवले का पेड़ इस दिन के अनिवार्य रिवाजों में से एक है।

भावना चौबे
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Vastu Tips: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के नवमी को मनाए जाने वाली अक्षय नवमी का विशेष महत्व है। इस वर्ष यह पर्व 10 नवंबर रविवार को आ रहा है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ अवल के पेड़ की भी पूजा की जाती है, क्योंकि मान्यता है कि बिना आंवले के पेड़ की पूजा किए अक्षय नवमी का व्रत अधूरा माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र और वास्तु शास्त्र के अनुसार आंवले के पेड़ की पूजा से घर में सुख शांति और समृद्धि का वास होता है। इस अवसर पर जानना जरूरी है कि आंवले का पेड़ किस दिशा में लगाना चाहिए और उसकी पूजा का विधि विधान क्या होना चाहिए। ताकि इसके लाभों को सही तरीके से प्राप्त किया जा सके।

आंवले के पेड़ का महत्व और लाभ

इस साल अक्षय नवमी पर एक विशेष और दुर्लभ ध्रुव योग बनने जा रहा है, जो नवमी तिथि की आरंभ के साथ शुरू होगा और 11 नवंबर तक रहेगा। इस शुभ अवसर का लाभ उठाने के लिए अक्षय नवमी के दिन यानी 10 नवंबर को तिथि की शुरुआत में ही घर में आंवले का पेड़ लगाना अत्यंत लाभकारी होगा। आंवले का पेड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बल्कि यह स्वास्थ्य, समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। इस अवसर पर आंवले का पेड़ लगाने से घर में सुख शांति का वास होगा और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।

किस दिशा में लगाएं आंवले के पेड़

आंवले के पेड़ का संबंध बुद्ध और शुक्र ग्रह से है और इसे भगवान विष्णु और ब्रह्मा का वास मानते हैं। इसलिए अक्षय नवमी के दिन आंवले के पेड़ को पूर्व या उत्तर दिशा में लगाना सबसे उत्तम माना जाता है। इसके अलावा यदि उत्तर पूर्व दिशा में पेड़ लगाया जाए तो यह भी शुभ फलदायक रहेगा। सही दिशा में आंवले का पेड़ लगाने से न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। बल्कि यह स्वास्थ्य, समृद्धि और खुशहाली का भी प्रतीक है। इस प्रकार सही दिशा में पेड़ लगाने से लाभकारी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।

कैसे करें आंवले के पेड़ की पूजा

अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ को लगाने के बाद उसके नियमित पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण है। पूजा के दौरान आंवले के पेड़ में दूध अवश्य डालें, जो उसकी पवित्रता, शुद्धता को दर्शाता है। इसके साथ ही पेड़ पर कलावा बांधना और पूजा के बाद 7 या 9 बार परिक्रमा करना भी शुभ माना जाता है ।

अक्षय नवमी की पूजा का महत्व

परिक्रमा के माध्यम से श्रद्धालु अपनी आस्था और भक्ति को दर्शाते हैं। पूजा के अंत में कुछ दान करने की परंपरा भी है, जिससे न केवल आपके पुण्य में वृद्धि होती है, बल्कि आपके द्वारा किए गए अच्छे कर्मों का फल भी प्राप्त होता है। इस प्रकार अक्षय नवमी पर आंवले के पेड़ की पूजा करने से आपको शुभ फल और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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