Vastu Tips: पढ़ाई में फ़ोकस और याददाश्त का सीधा संबंध हमारे आस पास के वातावरण से होता है। अगर पढ़ाई का स्थान अस्त व्यस्त, शोरगुल वाला या नकारात्मक ऊर्जा से भरा हो, तो मन चंचल हो जाता है और पड़ा हुआ सही तरीक़े से याद नहीं होता है मन इधर उधर भटकने लगता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पढ़ाई के लिए सही दिशा का विशेष महत्व होता है।
आपने भी अक्सर कई लोगों को देखा होगा कि वे घंटो घंटों पढ़कर भी चीज़ों को याद नहीं रख पाते हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो थोड़ी देर ही पढ़ाई करते हैं लेकिन उन्हें सब कुछ अच्छी तरह से याद हो जाता है? क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है। दरअसल, हमारे जीवन में दिशाओं का विशेष महत्व है, सही दिशाओं में किए गए काम हमेशा शुभ फल देते हैं, ऐसे में पढ़ाई करते समय भी सही दिशा का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी होता है।

किस दिशा में मुँह करके पढ़ना चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पढ़ाई करते समय हमें हमेशा उत्तर या फिर पूर्व दिशा की ओर अपना मुँह करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि उत्तर दिशा ज्ञान और एकाग्रता की दिशा होती है। इस दिशा में मुँह करके पढ़ने से फ़ोकस बढ़ता है, जल्दी याद होता है, साथ ही साथ नॉलेज भी बढ़ता है। इस दिशा में मुँह करके पढ़ने से पढ़ा हुआ सब कुछ याद रह जाता है जिससे परिणाम अच्छे आने की संभावनाएं बढ़ जाती है।
पूर्व दिशा में पढ़ाई करने के क्या क्या फ़ायदे होते हैं?
पूर्व दिशा को पढ़ाई के लिए इसलिए शुभ माना जाता है क्योंकि यह सूर्य की दिशा होती है, ज्ञान और ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिशा में मुँह करके पढ़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है, दिमाग़ अधिक तेज़ होता है। कम समय में भी अच्छी पढ़ाई हो सकती है।
उत्तर-पूर्व दिशा में पढ़ाई करने के क्या क्या फ़ायदे होते हैं?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा पढ़ाई के लिए सबसे शुभ मानी जाती है। यह दिशा सकारात्मक उर्जा और देवी देवताओं के आशीर्वाद से भरपूर होती है जिससे एकाग्रता बढ़ती है और ज्ञान भी बढ़ता है। इस दिशा में बैठकर पढ़ाई करने से याददाश्त तेज़ होती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।