Wednesday Special: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को बुद्धि, विद्या और समृद्धि का देवता माना जाता है। मंगल कार्यों की शुरुआत में उनकी पूजा अवश्य की जाती है। गणपति बप्पा के कई नाम हैं, जैसे गणपति, सिद्धिविनायक, विघ्नहर्ता और मूषकवाहन। यह माना जाता है कि भगवान गणेश अपने भक्तों की हर मुश्किल दूर करते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं। गणपति जी की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग पूजा-अर्चना करते हैं। धार्मिक विद्वानों के अनुसार, भगवान गणेश शिव जी की तरह ही सरल स्वभाव के हैं। लेकिन उनकी पूजा में कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है। यदि इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया तो वे नाराज हो सकते हैं।
भगवान गणेश को बुद्धि और विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाता है। इसलिए, बुधवार के दिन उनकी पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्य सफल होते हैं। बुधवार भगवान बुध का दिन भी है, जो ज्ञान और विद्या के देवता हैं। इसलिए, इस दिन गणेश जी की पूजा करने से ज्ञान और विद्या प्राप्ति में सहायता मिलती है। गणेश जी को समृद्धि और धन के देवता के रूप में भी पूजा जाता है। इसलिए, बुधवार के दिन उनकी पूजा करने से व्यापार में वृद्धि और धन लाभ होता है।
गणेश जी की पूजा में न करें ये 4 भूल
टूटे हुए चावल: भगवान गणेश को कभी भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि टूटे हुए चावल अपूर्णता और अशुभता का प्रतीक हैं। गणेश जी को हमेशा साबुत और अक्षत चावल अर्पित करें।
केतकी के फूल: भगवान गणेश को कभी भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने इन फूलों को शाप दिया था। केतकी के फूल चढ़ाने से गणेश जी रुष्ट हो सकते हैं और आपके जीवन में बाधाएं आ सकती हैं।
तुलसी के पत्ते: भगवान गणेश को कभी भी तुलसी के पत्ते अर्पित नहीं करने चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, तुलसी ने भगवान गणेश को श्राप दिया था। इसलिए भगवान गणेश की पूजा में कभी भी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते।
नकारात्मक विचार: पूजा करते समय मन को सकारात्मक रखना बहुत महत्वपूर्ण है। नकारात्मक विचारों से दूर रहें, क्योंकि इससे पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है। भगवान गणेश पर पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)