तिरुपति बालाजी मंदिर में क्यों किया जाता है बालों का दान, जानें इससे जुड़ी रोचक बातें और महत्व

Bhawna Choubey
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Tirupati Balaji Temple: तिरुपति बालाजी भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां देश-विदेश के कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर को लेकर कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं हैं। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित यह मंदिर भारत के सबसे धनवान मंदिर में से एक है। यहां हर साल श्रद्धालुओं के द्वारा करोड़ों का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। यह मंदिर चित्तूर जिले के तिरुपति के पास तिरुमाला पहाड़ी पर स्थित है। जहां पर भगवान श्री हरि विष्णु की वेंकटेश्वर के रूप में पूजा होती है। इस मंदिर में बाल दान करने की अनोखी मान्यता है। आज हम आपको इस लेख के द्वारा इस मंदिर से जुड़ी अनोखी बातें बताएंगे साथ ही साथ मंदिर के पीछे की कहानी बताएंगे, तो चलिए जानते हैं।

बालों का दान क्यों किया जाता है

बालों का दान करने के पीछे एक पौराणिक कथा है। ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति पर चिटियों का बहुत बड़ा झुंड चढ़ गया था जो दिखने में बिल्कुल पहाड़ की तरह दिख रहा था। चिटियों के बने इस पहाड़ पर रोजाना एक गाय जाकर दूध दिया करती थी और फिर चली जाया करती थी। ऐसा काफी दिनों तक चलता रहा फिर एक दिन गाय के मालिक ने देखा की गाय चिटियों के पहाड़ पर दूध देती है, तो उसने गुस्से में गाय को कुल्हाड़ी से मारा। जिस वजह से भगवान वेंकटेश्वर के सिर पर भी चोट लग गई। चोट लगने की वजह से उनके सिर के थोड़े से बाल गिर गए और सिर में घाव बन गया।

जब उनकी मां ने उनके सिर पर बने घाव को देखा तो उन्होंने तुरंत अपने कुछ बाल काटकर भगवान वेंकटेश्वर के सिर पर लगा दिए। घाव भरने पर भगवान वेंकटेश्वर बहुत प्रसन्न हुए। उसके बाद से ही ऐसी परंपरा चली आई है कि भगवान के लिए जो भी अपने बाल त्याग करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी। तभी से तिरुपति मंदिर में बालों का त्याग करने की प्रथा शुरू हुई जो आज तक चली आ रही है।

क्या महिलाएं भी करती हैं अपने बालों का दान

अगर आप यह सोच रहे हैं कि तिरुपति बालाजी मंदिर में सिर्फ पुरुष ही बाल दान करते हैं, तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं क्योंकि इस मंदिर में न सिर्फ पुरुष बल्कि बच्चे और महिलाएं भी अपने बाल दान करते हैं। इस मंदिर में बालों का दान करने से धन संबंधित समस्याएं दूर हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति तिरुपति बालाजी में अपने बालों का दान करता है वह बालों के रूप में अपनी बुराइयां और पापों को शरीर से निकाल देता है। बालों का दान करने से भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है।

दान किए गए बालों का क्या किया जाता है

अब इतना सब कुछ जानने के बाद हर किसी के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि आखिर दान किए गए बालों का होता क्या होगा। आपको बता दें, दुनियाभर के कोने से आने वाले भक्तों के द्वारा हर साल लगभग 500 से 600 टन बाल तिरुपति मंदिर में दान किए जाते हैं। दान किए गए बालों को एक प्रक्रिया के द्वारा साफ स्वच्छ किया जाता है, उसके बाद इन बालों को उबाला जाता है, धोया जाता है, फिर सुखाया जाता है और सही तापमान में रखा जाता है। वेबसाइट के द्वारा इन बालों को ऑनलाइन बेचा जाता है। बालों की ऑनलाइन नीलामी तिरुमाला तिरुपति देवस्थान द्वारा आयोजित की जाती है। दान किए गए बालों की ऑनलाइन नीलामी से करोड़ों रुपए का मुनाफा होता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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