Narak Chaturdashi: दीपावली की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजन अर्चन और शुभ चीजों की खरीदारी के बाद दूसरे दिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली का पर्व मनाया जात है। इस दिन का धर्म शास्त्रों में काफी महत्व माना गया है। मान्यताओं के मुताबिक इस दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उबटन लगाकर स्नान करने के बाद विधिविधान से यमराज की पूजन कर शाम को दीपदान किया जाता है।
नरक चतुर्दशी मुहूर्त
नरक चतुर्दशी को तिथि 11 नवंबर दोपहर 1:57 मिनट पर शुरू होगी जो 12 नवंबर 2 बजकर 44 मिनट तक चलेगी। इस दिन विशेष पूजा अर्चन कर भगवान का आशीर्वाद लिया जा सकता है।
नरक चतुर्दशी से जुड़ी मान्यता
नरक चतुर्दशी से जुड़ी पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण ने इस दिन नरकासुर को मारकर मुक्ति दिलाई थी और इसी वजह से इस उत्सव को मनाया जाता है। नरकासुर का वध करने के बाद उत्सवीय माहौल देखा गया था और जगह-जगह दीपक जलाकर खुशी जताई गई थी इसलिए इसे छोटी दीवाली कहा जाता है।
इस दिन से एक और मान्यता जुड़ी हुई है जिसके मुताबिक राजा बलि के राज्य में दीपक जलाकर कुछ आयोजन किए जाते थे ताकि स्थाई लक्ष्मी की प्राप्ति की जा सके। इसी के साथ राजा बलि ने भगवान विष्णु को हर साल इन तीन दिनों के लिए राजा बनाने की व्यवस्था की थी।
यम के नाम का दीपक
छोटी दीवाली यानी की नरक चतुर्दशी पर घर की दक्षिण दिशा में मृत्यु के देवता यम के नाम का दीपक लगाया जाता है। इस मान्यता के पीछे विशेष कारण है क्योंकि यह कहा जाता है कि इस दिन यम के नाम का दीपदान करने से व्यक्ति के घर में अकाल परिस्तिथियां नहीं बनती है और उसे अकाल मृत्यु का डर भी नहीं रहता। घर के सभी सदस्य निरोगी रहते हैं और उन्हें किसी की तरह की समस्या नहीं आती है।
करें ये उपाय
नरक चतुर्दशी के दिन अगर आप शुभ परिणाम चाहते हैं तो आपको यम के नाम का एक दीपक जलाना होगा। इस दीपक को पूरे घर में घुमाएं और घर से कहीं दूर जाकर रख दें। यह काम घर का सबसे बड़ा सदस्य करेगा तो अच्छा होगा। इसी के साथ जो दूसरे सदस्य हैं उन्हें घर के अंदर ही रहना है और अगर वह इस दीपक को ना देखें तो बेहतर होगा।
Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।