लगातार अच्छा प्रदर्शन करके नित नए रिकॉर्ड बनाना भले ही विराट कोहली की आदत में शुमार हो गया हो, लेकिन चैंपियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का मानना है कि वह अकेले विश्व कप (ICC World Cup 2019) नहीं जीत सकते। सचिन का कहना है कि अगर भारत को वर्ल्ड कप जीतना है तो दूसरे खिलाड़ियों को उनके साथ अच्छा प्रदर्शन करना होगा। सचिन तेंदुलकर ने कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की भूमिका, बल्लेबाजी क्रम में चौथा नंबर और इंग्लैंड की सपाट पिचों पर गेंदबाजों की हालत के बारे में खुलकर बात की।
यह पूछने पर कि क्या विराट पर उसी तरह का दबाव होगा जैसा उन पर 1996, 1999 और 2003 विश्व कप में था? तेंदुलकर ने कहा, ”आपके पास हर मैच में उम्दा प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ी होते हैं लेकिन टीम के सहयोग के बिना आप कुछ नहीं कर सकते। एक खिलाड़ी के दम पर टूर्नामेंट नहीं जीता जा सकता। बिल्कुल नहीं। दूसरों को भी हर अहम चरण पर अपनी भूमिका निभानी होगी। ऐसा नहीं करने पर निराशा ही हाथ लगेगी।”
भारत का चौथे नंबर का बल्लेबाजी क्रम अभी तय नहीं है, लेकिन सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मैच हालात के अनुसार इस पर फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने कहा, ”हमारे पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो इस क्रम पर खेल सकते हैं। यह एक क्रम ही है और इसमें लचीलापन होना चाहिए। मुझे यह कोई समस्या नहीं लगती। हमारे खिलाड़ियों ने इतनी क्रिकेट खेली है कि किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते हैं।”
सचिन तेंदुलकर ने हाला��कि वनडे क्रिकेट में बल्लेबाजों की बढती भूमिका पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, ”दो नई गेंदों के आने और सपाट पिचों की वजह से गेंदबाजों की हालत खराब हो गई है। एक टीम 350 रन बना रही है और दूसरी 45 ओवर में उसे हासिल कर रही है।”
उनका इशारा इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच हुई वनडे सीरीज की ओर था। उन्होंने कहा, ”इस पर विचार किया जाना चाहिए। दो नई गेंद लेनी है तो गेंदबाजों की मददगार पिचें बनाई जाएं या एक नई गेंद की पुरानी व्यवस्था ही लागू रहे जिसमें रिवर्स स्विंग तो मिलती थी।”
मास्टर ब्लास्टर ने यह भी कहा कि कलाई के स्पिनरों की भूमिका इस टूर्नामेंट में अहम होगी। भारत के पास चहल और यादव के रूप में ऐसे दो गेंदबाज हैं, हालांकि वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज में उतने प्रभावी नहीं रहे।
उन्होंने कहा, ”ऐसे कई गेंदबाज हैं जिन्हें बल्लेबाज बखूबी भांप लेते हैं लेकिन फिर भी उन्हें विकेट मिलते हैं। कुलदीप और चहल को ऑस्ट्रेलिया सीरीज को लेकर ज्यादा परेशान होने की जरुरत नहीं है।” उन्होंने मुथैया मुरलीधरन का उदाहरण देते हुए कहा, ”मुरली ऑफ ब्रेक और दूसरा डालता था। बल्लेबाज उसे भांप भी लें तो भी उसे विकेट मिलते थे।”