29 मेडल के साथ paris paralympics 2024 में भारत का सफर हुआ समाप्त, 7 गोल्ड और 9 सिल्वर जीतकर रचा इतिहास

कुल 29 पदकों के साथ भारत का paris paralympics 2024 में सफर समाप्त हुआ है। दरअसल अब तक का भारत का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। भारत ने पदक तालिका में 15वां स्थान हासिल किया है।

paris paralympics 2024 में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। वहीं इसके चलते भारत ने 7 स्वर्ण पदक सहित कुल 29 पदक अपने नाम किए। दरअसल इन पदकों में 9 रजत और 13 कांस्य पदक भी शामिल हैं। वहीं बता दें कि इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही, भारत ने मेडल तालिका में 15वां स्थान हासिल कर अपना सफर समाप्त किया है।

दरअसल भारत ने पैरालिंपिक इतिहास का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन 2024 में किया है। यानी इससे पहले, टोक्यो पैरालिंपिक 2020 में भारत ने 5 स्वर्ण पदक सहित 19 पदक ही जीते थे, लेकिन पेरिस पैरालिंपिक 2024 की तो भारत ने अपने इस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है और एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

आखिरी दिन भारत ने किए अपने नाम दो और पदक

वहीं पैरालिंपिक का समापन समारोह 8 सितंबर को रात 11:30 बजे आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न देशों के एथलीट्स, कोच और अधिकारी भी शामिल होंगे। दरअसल 10वें और आखिरी दिन भी भारत ने दो और पदक अपने नाम किए। जानकारी के मुताबिक पुरुषों की F41 श्रेणी के जैवलिन थ्रो में नवदीप ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि महिलाओं की T-12 श्रेणी की 200 मीटर दौड़ में सिमरन ने कांस्य पदक हासिल किया। इन दो पदकों ने भारत के कुल पदकों की संख्या बढ़ाकर 29 कर दी।

एथलीट के डिसक्वालिफाई होने पर नवदीप को मिला स्वर्ण पदक

दरअसल पुरुषों की F41 श्रेणी में आयोजित जैवलिन थ्रो फाइनल में नवदीप ने शुरुआत में रजत पदक ही जीता था। मगर, ईरान के एथलीट सादगेह सायाह को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद नवदीप को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। जानकारी के अनुसार इस दौरान, सायाह ने पहले 47.64 मीटर की थ्रो कर नवदीप से आगे बढ़ गए थे। हालांकि, बाद में सायाह को एक आतंकी संगठन के प्रतीक झंडा दिखाने के कारण उनकी उपस्थिति अस्वीकृत कर दी गई, जिससे नवदीप को स्वर्ण पदक मिलने का अवसर मिला।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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