खेल डेस्क: क्रिकेट के खेल अनिश्चितताओं का खेल है। इस खेल में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता। इस बार कुछ ऐसा हुआ है जिसे क्रिकेट के इतिहास की दुर्लभ घटना बताया जा रहा है| मुंबई के अंडर-16 स्कूल टूर्नामेंट हैरिस शील्ड के पहले नॉकआउट मैच में एक अजब गजब रिकॉर्ड बन गया जब इंटर-स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के मैच में एक टीम के सभी बल्लेबाज़ खाता खोले बिना ही पवेलियन लौट गए और विरोधी टीम ने 754 रनों से मैच जीत लिया। इसे इंटर स्कूल टूर्नामेंट में सबसे बड़ी हार मानी जा सकती है| भारत के कई पूर्व क्रिकेटर और रणजी खिलाड़ी अपनी किशोरावस्था में इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं| वहीं टीम इंडिया के बल्लेबाज रोहित शर्मा स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल (SVIS) से पढ़े हैं|
बुधवार को आजाद मैदान (न्यू एरा क्रिकेट क्लब प्लॉट) पर बोरीवली के स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल और अंधेरी के चिल्ड्रन्स वेलफेयर सेंटर स्कूल के बीच यह मैच खेला गया था| चिल्ड्रन्स वेलफेयर स्कूल की टीम को शर्मनाक हार मिली. उसने यह मैच 754 रनों के विशाल अंतर से गंवाया| स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल ने 45 ओवरों में 761/4 रन बनाए, जिसमें उनके वन डाउन बल्लेबाज मीत मायकेर 134 गेंदों पर सात छक्कों और 56 चौकों की मदद से 338 रन बनाकर नाबाद रहे| चिल्ड्रन्स वेलफेयर सेंटर स्कूल की पूरी टीम सात रन ही बना सकी| उसके सभी बल्लेबाज एक भी रन नहीं बना सके, क्योंकि ये सभी शून्य पर आउट हुए| मजे की बात है कि विपक्षी टीम के गेंदबाजों ने 7 एक्स्ट्रा (छह वाइड और एक बाई) रन दे दिए, यदि ऐसा नहीं होता तो स्कोर बोर्ड पर कोई रन नहीं होता| चिल्ड्रन्स वेलफेयर स्कूल की पूरी टीम सिर्फ छह ओवरों में ढेर हो गई|
बता दें विवेकानंद स्कूल में टीम इंडिया के उपकप्तान रोहित शर्मा पढ़ते थे| उन्होंने इसी स्कूल टीम से खेलते हुए क्रिकेट का ककहरा सीखा था| रोहित शर्मा एक गरीब परिवार से थे लेकिन अच्छे क्रिकेटर होने की वजह से उन्हें इस स्कूल में एडमिशन मिला था|