मोजिला फ़ायरफ़ॉक्स यूज़र्स के लिए भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने एक अहम चेतावनी जारी की है। दरअसल इसमें फ़ायरफ़ॉक्स, थंडरबर्ड और ESR वर्जन में पाई गई गंभीर सुरक्षा खामियों के बारे में बताया गया है। फ़ायरफ़ॉक्स वर्जन 131 से पहले के संस्करणों, थंडरबर्ड वर्जन 128.3 और 131 से पहले के वर्जन, और फ़ायरफ़ॉक्स ESR वर्जन 128.3 तथा 115.16 से पहले के संस्करणों में ये खामियां मौजूद होने की जानकारी सामने आई हैं।
ऐसे में इन खामियों का फायदा उठाकर हैकर्स द्वारा यूज़र्स की संवेदनशील जानकारी चुराई जा सकती हैं। हालांकि इसे लेकर सरकार द्वारा यूजर्स को सचेत कर दिया गया है। जानिए साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In का इसे लेकर क्या कहना है?
जानिए CERT-In का इसे लेकर क्या कहना है?
CERT-In के मुताबिक, यदि यूज़र्स द्वारा फ़ायरफ़ॉक्स के पुराने वर्जन का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, तो उनके डेटा को खतरा हो सकता है। नकली वेबसाइट्स और गलत फाइलों का इस्तेमाल करते हुए हैकर्स कमजोरियों का फायदा उठाकर सिस्टम पर हमला कर सकते हैं। हैकर्स द्वारा क्लिकजैकिंग जैसी तकनीक का सहारा लिया जा सकता है। इससे हैकर्स यूज़र्स को अनजाने में हानिकारक लिंक पर क्लिक करवाकर उनके सिस्टम का नियंत्रण हासिल कर सकते हैं और बैंकिंग डिटेल्स, पासवर्ड समेत अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं।
इस तकनीक का प्रयोग कर सकते हैं हैकर्स
दरअसल CERT-In ने यह भी जानकारी दी है कि कुछ प्रकार की वेब ट्रांसपोर्ट रिक्वेस्ट्स के माध्यम से हैकर्स डेनियल-ऑफ-सर्विस (DoS) हमला भी कर सकते हैं। हैकर्स द्वारा इस हमले में अत्यधिक ट्रैफिक भेजकर सिस्टम या सर्वर को भी धीमा या पूरी तरह बंद कराया जा सकता हैं, जिसके चलते सिस्टम की सामान्य कार्यक्षमता भी प्रभावित हो सकती है और आपकी संवेदनशील जानकारी खतरे में पड़ सकती है।
बचने के लिए करना होगा यह उपाय
वहीं इससे बचने के लिए साइबर सुरक्षा एजेंसी द्वारा यूज़र्स से अपने फ़ायरफ़ॉक्स और थंडरबर्ड सॉफ़्टवेयर को तुरंत अपडेट करने की सिफारिश की गई है। अपडेट के लिए यूज़र्स को अपने सॉफ़्टवेयर में “Help” सेक्शन के माध्यम से “About Firefox” या “About Thunderbird” पर क्लिक कर उपलब्ध अपडेट को डाउनलोड और इंस्टॉल करना होगा। एक बार अपडेट पूरा हो जाने पर ही सिस्टम सुरक्षित होने की पुष्टि की जा सकती है।