ठगों ने अपनाया स्कैम का नया तरीका, यहां जानिए क्या है ‘यूपीआई ऑटोपे रिक्वेस्ट स्कैम’ जिससे मिनटों में खाली हो रहे अकाउंट

अगर आप भी UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो आपके लिए यह खबर महत्वपूर्ण है। आपको 'यूपीआई ऑटोपे रिक्वेस्ट' स्कैम की जानकारी रखना बेहद आवश्यक है ताकि आप समय पर इससे सतर्क हो सकें और किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकें।

Rishabh Namdev
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डिजिटल पेमेंट्स के बढ़ते चलन के साथ, UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) का उपयोग करने वालों के सामने एक नई चुनौती उभरकर आई है। दरअसल भारत में UPI के बढ़ते प्रयोग के साथ-साथ इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। बता दें कि हाल ही में ‘यूपीआई ऑटोपे रिक्वेस्ट स्कैम’ नामक एक नया घोटाला सामने आया है, जिसमें लोगों के बैंक खाते चंद मिनटों में खाली हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप भी UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो इस स्कैम की जानकारी रखना आपके लिए बेहद आवश्यक है ताकि आप समय पर इससे सतर्क हो सकें और किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकें।

क्या है यह UPI ऑटोपे स्कैम?

दरअसल UPI ऑटोपे स्कैम एक नया धोखाधड़ी का तरीका है, जिसमें ठग UPI उपयोगकर्ताओं को एक नकली ‘ऑटोपे रिक्वेस्ट’ भेजते हैं। ऑटोपे रिक्वेस्ट का अर्थ है कि यदि उपयोगकर्ता इस रिक्वेस्ट को एक बार स्वीकार कर लेता है, तो उसके खाते से नियमित रूप से, जैसे हर महीने या किसी तय समय पर, पैसे कटने लगते हैं। यह सुविधा आमतौर पर उन सेवाओं के लिए होती है, जहां हर महीने भुगतान की आवश्यकता होती है, जैसे नेटफ्लिक्स, डिज्नी+ या अन्य किसी सब्सक्रिप्शन सर्विस।

कैसे किया जाता है यह?

जानकारी के अनुसार इस धोखाधड़ी में, ठग सबसे पहले यूजर को किसी झूठी या फर्जी कहानी पर विश्वास दिलाने की कोशिश करते हैं। जैसे, वे यूजर को यह बताकर भ्रमित कर सकते हैं कि उसने नेटफ्लिक्स या डिज्नी+ के लिए सब्सक्रिप्शन रिक्वेस्ट की है और उसे ऑटोपे की अनुमति देनी होगी। इसके बाद यूजर को एक रिक्वेस्ट भेजी जाती है, जो देखने में पूरी तरह असली प्रतीत होती है, लेकिन वास्तव में वह रिक्वेस्ट फ्रॉडस्टर की होती है। अगर यूजर ने बिना सोचे-समझे उस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया, तो उसके बैंक खाते से पैसे सीधे ठगों के खाते में ट्रांसफर हो जाते हैं।

इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए सबसे पहले यह सीखना जरूरी है कि सही और फर्जी रिक्वेस्ट के बीच अंतर कैसे पहचाना जाए। नीचे दिए गए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स आपकी सहायता कर सकते हैं:

ऑटोपे रिक्वेस्ट को ध्यान से पढ़ें: जब भी आपके पास कोई ऑटोपे रिक्वेस्ट आए, तो उसे ध्यान से पढ़ें और देखें कि यह रिक्वेस्ट किस कंपनी की ओर से आ रही है। कंपनी का नाम, आइकन, और अन्य डिटेल्स की अच्छी तरह से जांच करें।

URL और लिंक की जांच करें: यदि आपको किसी लिंक के माध्यम से ऑटोपे रिक्वेस्ट भेजी गई है, तो उस लिंक की जांच करें। कभी भी बिना जांचे किसी लिंक पर क्लिक न करें।

कॉल या ईमेल के जरिए पुष्टि करें: यदि आपको कोई संदिग्ध रिक्वेस्ट मिलती है, तो उस कंपनी के कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें और रिक्वेस्ट की सत्यता की पुष्टि करें।

मोबाइल नंबर सुरक्षित रखें: आजकल लोग अपने मोबाइल नंबर को ई-शॉपिंग, रेस्टोरेंट्स, मॉल, पार्किंग आदि के लिए आसानी से साझा कर देते हैं। ऐसे में स्कैमर्स इसका फायदा उठाकर लोगों की UPI ID को क्रैक कर धोखाधड़ी करते हैं। इसलिए अपने मोबाइल नंबर को सुरक्षित रखें और उसे अंजान वेबसाइट्स या प्लेटफार्म्स पर शेयर करने से बचें।

दरअसल UPI एक बेहद उपयोगी और तेज़ पेमेंट सिस्टम है, लेकिन इसके साथ ही इससे जुड़े धोखाधड़ी के खतरे भी बढ़ गए हैं। ‘यूपीआई ऑटोपे रिक्वेस्ट स्कैम’ जैसे नए प्रकार के स्कैम्स के बारे में जागरूक होना और सतर्क रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उचित सावधानियां बरतकर और समय पर सही कदम उठाकर आप इस तरह की धोखाधड़ी से बच सकते हैं। अगर आपको कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आती है, तो तुरंत इसकी रिपोर्ट करें, ताकि दूसरे लोग भी इस तरह के स्कैम्स से सुरक्षित रह सकें।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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