अब भारत की सड़कों पर दौड़ेंगे हाइड्रोजन चलित वाहन, h2e कंपनी ने की घोषणा

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट – अब भारत की सड़कों पर हाइड्रोजन (Hydrogen) से चलने वाले तीन पहिया वाहन जल्द ही नजर आ सकते हैं ऐसी घोषणा की है पुणे स्थित क्लीन टैक स्टार्टअप (Clean Tech Start-up) H2E Power Systems ने, h2e ने इस प्रोजेक्ट को कनाडा की एनर्जी कंपनी “हाइड्रोजन इन मोशन” (hydrogen in motion) के सहयोग से शुरू करने की बात की है। आपको बता दें यह देश का अपने तरीके का पहला प्रोजेक्ट होगा।

यह कदम पर्यावरण (environment) को दृष्टिगत रखते हुए काफी महत्वपूर्ण होगा। आज भारत में छोटी पब्लिक ट्रांसपोर्ट गाड़ियों (public transport) की बात करें या छोटी मालवाहक गाड़ियों की, इनमे से ज्यादातर गाडियां (goods transport) डीजल इंजन चलित हैं जिसके वजह से वायु प्रदूषण (air pollution) में कहीं ना कहीं लगातार वृद्धि हो रही है । अगर बात करें सीएनजी चलित वाहनों की तो CNG गैस के भड़ते दामों ने ऑटो चालकों की जेब में बड़ी कटौती की है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicle) के भी रखरखाव और बैटरियों पर आने वाले खर्च में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है। ऐसे में हाइड्रोजन (hydrogen) पर चलने वाले तीन पहिया वाहन ना केवल पर्यावरण के स्तर में वृद्धि के लिए मददगार साबित होंगे बल्कि लोगों की आमदनी में बढ़ोत्तरी करने में भी सहायक होंगे।

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इस प्रोजेक्ट में ग्रीन हाइड्रोजन(green hydrogen) का इस्तेमाल किया जाएगा।

इन वाहनों की सबसे बड़ी खासियत यही होगी कि इनका इस्तेमाल शहर के अंदर हो रहे सार्वजनिक और माल परिवहन (public and goods transport) के लिए किया जाएगा जिससे वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण(noise pollution) और भीड़ (congestion) को कम करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें “h2e power systems” को अदार पूनावाला  (Serum institute of India) का पूरा सहयोग प्राप्त है।

h2e ने अपने बयान में यह भी बताया है की इन वाहनों में h2e fuel cell technology का इस्तेमाल कंपनी द्वारा किया जाएगा और इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले हाइड्रोजन सिलेडर (hydrogen cylinder) काफी कीमत (low cost) के साथ काफी कम प्रेशर (low pressure) वाले होगे जिस वजह से यह बाकी इस्तेमाल हो रही तकनीकों के मुकाबले बेहतर है साथ ही इससे हमारा जीवाश्म ईंधन (fossil fuels) भी बचाया जा सकेगा।

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पूनावाला के साथ इस प्रोजेक्ट में GITA भी अपना सहयोग (partial funding) h2e को प्रदान करेगा।आपको बता दें GITA (Global Innovation And Technology Alliance) एक “सार्वजनिक निजी साझेदारी” (Public Private Partnership) है भारत सरकार (Govt.of india), डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Dept.of Science and Technology) और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (Confederation of Indian Industry) की।h2e के मैनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ आर मयूर(Siddarth R Mayur) ने कहा कि हम “GITA” की मदद से पूरे भारत में zero emission vehicle कांसेप्ट को जल्द से जल्द लागू करने का प्रयास करेंगे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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