Meta New notification: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल दुनियाभर के लोग करते है। ये सबसे ज्यादा पापुलर ऐप है। भारत को छोड़कर अन्य यूरोप के कुछ देशों में इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए पैसा देना होता है। मेटा प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने के लिए आपको एक निर्धारित फीस देनी होती है। क्योंकि कंपनी का कहना है कि ये उसके सब्सक्रिप्शन मॉडल का ही हिस्सा है। इसे ही लेकर कंपनी ने एक नया फैसला लिया है।
मेटा ने कम कर दिया सब्सक्रिप्शन मॉडल की फीस
बता दें कि मेटा अपने यूजर्स से प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल करने का पैसा लेती है। कंपनी का कहना है कि ये उसके सब्सक्रिप्शन मॉडल का ही हिस्सा है। जिसमें अपने यूजर को सुविधा देते हुए कंपनी ने सब्सक्रिप्शन मॉडल की फीस को कम करने का फैसला लिया है। अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के लिए यूजर को EUR 5.99 (करीब 540 रुपए) देना होगा। वहीं इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करने के लिए यूजर को EUR 9.99 (करीब 900 रुपए) देना होगा। कंपनी ने ये फैसला यूजर्स की प्राइवेसी को ध्यान में रखकर लिया है।
यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करती है मेटा
बता दें कि मेटा अपने यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करती है। मेटा ने कहा कि यूजर्स को अपनी प्राइवेसी को सुनिश्चित करने के लिए ये फीस देनी होगी। क्योंकि यूरोपीय नियमों में कुछ नए डेटा प्राइवेसी कानून आया था। जिसके बाद से मेटा उन यूजर्स के डेटा को एक्सेस नहीं कर पा रही थी। जिस वजह से उसने ये चार्ज वसूलने का फैसला लिया था। मेटा के इस नए नियम विरोध भी हुआ था। मेटा ने सोशल मीडिया प्लटफॉर्म के लिये ये चार्ज 18 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले यूजर्स से लेने का फैसला लिया था।
मेटा की इस पॉलिसी का हो रहा विरोध
मेटा कंपनी ने ये चार्ज यूरोपीय यूनियन और स्विटजरलैंड जैसे देशों के लिए लागू किया था। 1 नवंबर से लागू होने वाले इस नियम में हर महीने 9.99 यूरो (करीब 880 रुपये) लिया जा रहा था। वहीं iOS और एंड्रॉइड यूजर्स को 12.99 यूरो (करीब 1,100 रुपये) फीस वसूलने की बात की गई थी। जिसके बाद कंपनी के इस नियम का विरोध हो रहा था। लोगों का कहना है कि यूजर की प्राइवेसी को बरकरार रखना कंपनी का काम है। इसके लिए कंपनी को किसी भी तरह का चार्ज नहीं लेना चाहिए।