सावधान : सिक्योरिटी व स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है स्मार्टवॉच, जानें कैसे

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। अगर आप भी स्मार्टवॉच (smartwatch) या ट्रैकर खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि आप जहां भी जाते हैं, आपकी स्मार्टवॉच साथ जाती है और आपके फोन के साथ जुड़ी होने की वजह से यह सुरक्षा के लिए खतरा भी बन सकती है। इसलिए इसके इस्तेमाल में कुछ सावधानी जरूरी हैं आइए जानते है –

>> स्मार्टवॉच विक्रेता स्मार्टवॉच उपयोगकर्ताओं से बड़ी संख्या में व्यक्तिगत डेटा और जानकारी एकत्र कर सकते हैं जिन्हें डेटा प्रबंधन प्लेटफॉर्म पर बेचा जा सकता है। जब स्मार्टवॉच कंपनियां डेटा तैयार कर रही हैं, तो वे लाखों उपयोगकर्ताओं के लिए गोपनीयता जोखिम पैदा कर रही हैं।

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>> स्मार्टवॉच में कम सुरक्षा की अहम वजह यह है कि छोटे उपकरणों में प्रोसेसिंग पावर, बैटरी और सुरक्षा को एम्बेड करने के लिए कम जगह होती है। इसलिए इनमें से सिक्योरिटी फीचर नहीं होते, जो आमतौर पर स्मार्टफोन में होते हैं।

>> वाहन चलाते समय व्यक्ति को अपनी ज़िंदगी के लिए ज़िम्मेदार होना चाहिए। यानी ट्रैफिक में, किसी को स्मार्टवॉच की बजाय ड्राइविंग पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

>> आपकी वॉच आपके आवागमन का रूट मैप बनाने के लिए जीपीएस डेटा का इस्तेमाल कर सकती है। इससे आपको ट्रैक करना आसान होता है, क्योंकि आपके घर पर वॉच छोड़ने या इसे बंद करने की संभावना कम होती है।

>> स्मार्टवॉच पहनना अनिद्रा का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है, जिससे मेमोरी क्षय, शरीर में असंतुलन, कम उत्पादकता और अन्य खराब समस्याएं हो सकती हैं।

>> वाईफाई और ब्लूटूथ तकनीक में सुधार होने के बावजूद डेटा में सेंधमारी का खतरा बना रहता है। क्योंकि सार्वजनिक वाईफाई से दूरी बनाए रखे। और इनसे कनेक्ट करने से आप हैकिंग की चपेट में आ सकते हैं। अपने स्मार्टवॉच ओएस को अपडेट रखें, ताकि हैकर्स सुरक्षा खामियों का फायदा न उठा सकें।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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