दुनिया में साइबर क्राइम तेजी से अपना पैर पसार रहा है। आए दिन किसी न किसी व्यक्ति के साथ साइबर फ्रॉड होता है। नए-नए प्रकार से साइबर अपराधी लोगों को निशाना बनाते हैं। ये इतनी चालाकी से अपना काम करते हैं कि लोगों को अंदाज़ा ही नहीं होता कि वे किसी बड़े जाल में फंसते जा रहे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ समय में लोगों ने अपना बड़ा पैसा साइबर फ्रॉड के चलते खोया है। हालांकि समय-समय पर सरकार द्वारा अलर्ट जारी किया जाता है।
साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। पिछले कुछ समय में आपने यह भी देखा होगा कि सरकार ने कॉलर ट्यून के जरिए लोगों को जागरूक किया। हालांकि बाद में इसे बंद कर दिया गया, लेकिन कई बार हमारी ही गलती साइबर फ्रॉड का कारण बन जाती है। चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी बातें बता रहे हैं, जिनसे आपको साइबर फ्रॉड से बचने में आसानी होगी।
सरकार द्वारा किया गया अलर्ट
दरअसल, हाल ही में भारत सरकार द्वारा स्मार्टफोन यूज़र्स को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया गया है। इस अलर्ट में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) द्वारा चेतावनी दी गई है कि फोन में मौजूद कुछ शेयरिंग ऐप्स आपकी निजी जानकारी चुराकर, जैसे बैंक खाते या अन्य डिटेल्स, आपके साथ फ्रॉड कर सकते हैं। ऐसे में इन ऐप्स को आपको तुरंत हटा देना चाहिए। दरअसल, इस चेतावनी में जिन ऐप्स की बात की गई है, वे स्क्रीन शेयरिंग ऐप्स हैं, जो आपकी पूरी स्क्रीन को दूसरों के साथ साझा करते हैं। ये ऐप्स ओटीपी, मैसेज और बैंक डिटेल्स तक चुरा सकते हैं। कई बार यूज़र्स ऐसे अनजान ऐप्स पर भरोसा कर इन्हें डाउनलोड कर लेते हैं, लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है। ऐसे में अगर आपके पास भी ये ऐप्स हैं, तो आप इन्हें जल्द से जल्द डिलीट कर दें।
कैसे बचा जा सकता है?
साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आपको इन ऐप्स को डिलीट करने के साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इन्हें दोबारा कभी इंस्टॉल न करें और इंस्टॉल करते समय इन्हें निजी परमिशन न दें। सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग्स को हमेशा मजबूत रखें। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अनजान कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें। सरकार साइबर अपराधियों को लेकर लगातार वार्निंग जारी करती है। वे नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में सरकार जागरूक करती है कि इन लोगों से सतर्क रहें और अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें।





