गलती से भेजे पैसे मिल जाएंगे आसानी से वापस, बस करें यूपीआई रिवर्सिंग, जान लीजिए क्या है प्रोसेस

Shashank Baranwal
Published on -
UPI Reversing

UPI Reversing: डिजिटल पेमेंट चलन में आने के बाद अधिकांश लोग अब ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने या पेमेंट करने के आदी हो चुके हैं। जो भी इस सुविधा का इस्तेमाल करता है वो आमतौर पर इस बात का ध्यान रखता है कि पैसा सही जगह पहुंचे। उसके बावजूद कभी-कभी गलती हो ही जाती है। आप भी अगर ऐसी कोई गलती कर देते हैं कि यूपीआई से पैसे भेजे कहीं और थे और चले कहीं और गए तो घबराएं नहीं। आप यूपीआई रिवर्सिंग के जरिए वो पैसे वापस हासिल कर सकते हैं। जान लीजिए कैसे?

इन बातों का रखे ध्यान

यूपीआई रिवर्सिंग बहुत आसान प्रक्रिया नहीं होती है। इसके लिए एक पूरी प्रक्रिया को फॉलो करना पड़ता है। साथ ही आपके बैंक और यूपीआई प्लेटफॉर्म की पॉलिसी को भी जानना जरूरी होगा। कुछ गलत ट्रांजेक्शन होने पर तुरंत एक्शन लेना तो जरूरी है ही इसके साथ ही ट्रांजेक्शन आईडी, ट्रांजेक्शन की डेट, अमाउंट का पूरा डिटेल भी आपके पास होना चाहिए।

इन मामलों में कर सकते हैं अपील

गलती से ट्रांसफर हुए पैसे, अनऑथराइज्ड या अनएक्सपेक्टेड पेमेंट या फर्जी लेन देन जैसे मामलों में यूपीआई रिवर्सिंग की अपील कर सकते हैं। हालांकि धोखाधड़ी वाले मामले होने पर भीम ऐप और एनपीसीआई कस्टमर को रिपोर्ट दर्ज करवाना अनिवार्य है। अपील करते समय आपको सही रकम और ट्रांजेक्शन से जुड़े जरूरी सही डिटेल बताने होंगे।

इन मामलों में नहीं होती रिवर्सिंग

आपने जिसे भी यूपीआई ट्रांसफर से रकम भेजी है वो अगर रकम एकसेप्ट कर लेता है तो यूपीआई रिवर्सिंग मुश्किल हो जाती है। गलती होने पर जितनी जल्दी यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर से संपर्क करेंगे उतना ही बेहतर होगा।


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News