वाट्सऐप बेहतर या टेलीग्राम…इन बातों से जानिए

Amit Sengar
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नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। स्टैंट मैसेजिंग के लिए यूं तो कई ऐप मौजूद हैं, लेकिन सबसे ज्यादा इस्तेमाल वाट्सऐप (whatsapp) और टेलीग्राम (Telegram) का किया जाता है। दोनों के अपने फायदे और खूबियां हैं। 2021 से वाट्सऐप ने अपनी पॉलिसी में कई बदलाव किए। इसके बाद से इसके यूजरबेस में कमी आई और टेलीग्राम के यूजर में बढ़ोतरी हुई। ऐसे में जानिए, दोनों में से कौन सा ऐप कितना बेहतर है…

टेलीग्राम पर स्टोरेज अधिक
क्लाउड स्टोरेज देखा जाए तो टेलीग्राम, वाट्सऐप से बेहतर है। टेलीग्राम के क्लाउड स्टोरेज फीचर की मदद से यूजर्स अनलिमिटेड फाइल, फोटो, डॉक्यूमेंट और मैसेज को स्टोर कर सकता है। यूजर कहीं से भी लॉग-इन करके इसे डाउनलोड कर सकता है, यह खूबी वाट्सऐप में नहीं है।

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ग्रुप यूजर्स
टेलीग्राम, ग्रुप के मामले में भी बेहतर है। टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर उसमें 2 लाख यूजर्स को जोड़ सकते हैं, जबकि वाट्सऐप के ग्रुप में अधिकतम 256 मेम्बर्स को ही शामिल किया जा सकता है।

स्पेशल फीचर
स्पेशल फीचर की बात करें तो दोनों में अलग खूबियां हैं। जैसे- टेलीग्राम में पोल्स और क्विज क्रिएट की जा सकती हैं और स्टेटस जैसा कोई विकल्प नहीं होता। वहीं, वाट्सऐप में स्टेटस का विकल्प होता है।

टेलीग्राम में बॉट सर्विस
वाट्सऐप सीधेतौर पर मैसेज-फाइल भेजने स्टेटस के लिए इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, टेलीग्राम पर बॉट ग्रुप भी होते हैं जो आपके काम को आसान बनाते हैं।

सिक्योरिटी/प्राइवेसी में कौन है बेहतर
अगर सिक्योरिटी और यूजर प्राइवेसी की तुलना की जाए तो टेलीग्राम के मुकाबले वाट्सऐप ज्यादा बेहतर है। वाट्सऐप पर चैट पूरी तरह एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होती है यानी केवल भेजने वाला और पाने वाला ही मैसेज को पढ़ सकता है। टेलीग्राम चेट को सिक्योर रखने के लिए इसके लिए क्लाइंट सर्वर एनक्रिप्शन का इस्तेमाल करता है। टेलीग्राम में एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन केवल सीक्रेट चैट में ही मिलता है। इस सिक्योरिटी को भी यूजर को इनेबल करना पड़ता है। टेलीग्राम में सीक्रेट चैट को फॉरवर्ड भी नहीं किया जा सकता।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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