UP Employees Teacher : उत्तर प्रदेश के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। अब अपार आईडी के चलते राजकीय माध्यमिक व अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मियों का वेतन नहीं रोका जाएगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीआइओएस को निर्देश दिए है।
यूपी माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी डीआईओएस को जारी निर्देश में कहा है कि शिक्षकों-कर्मचारियों का वेतन बिना रोके अपार आईडी बनाने की गति तेज की जाए। बिना वेतन रोके अपार आइडी बनाने का काम किया जाएगा और विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को भी इसके लिए जागरूक किया जाए।
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बेसिक शिक्षा विभाग ने भी आदेश जारी करने की मांग
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल से मांग की है कि माध्यमिक शिक्षकों व कर्मियों की तरह ही बेसिक के शिक्षकों व कर्मियों का वेतन न रोकने का आदेश जारी करें, ताकि राहत मिल सके। विभाग यू-डायस के डाटा में संशोधन करें और आधार की कमियों को दूर कराएं, ताकि 100 फीसदी अपार आईडी बनाई जा सके। शिक्षकों-कर्मचारियों की इसमें कोई कमी नहीं है, ऐसे में उनका वेतन रोकना गलत है।
क्या है APAAR आई़डी
- अपार आईडी भारत सरकार की ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट’ योजना का हिस्सा है, जिसे छात्रों के लिए एक डिजिटल पहचान प्रणाली बनाने के उद्देश्य से लागू किया गया है। अपार आईडी का पूरा नाम ‘ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्र्री’ है और इसे apaar.education.gov.in वेबसाइट से बनाया जा सकता है।
- अपार आईडी छात्रों के डिजिटल रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने का एक तरीका है। इस आईडी के माध्यम से छात्रों का इंटीग्रेटेड आइडेंटिफिकेशन सिस्टम तैयार किया गया है।
- Apaar ID छात्रों को डिजी लॉकर के साथ भी जोड़ा जाएगा, जिससे वे अपनी मार्कशीट, डिग्री और सर्टिफिकेट को डिजिटल रूप से सुरक्षित रख सकेंगे।अकादमिक क्रेडिट बैंक (ABC) के साथ भी इसका इंटीग्रेशन किया जाएगा।
- अपार आईडी बनाने के लिए आवश्यक है कि स्टूडेंट की न्यूनतम आयु 5 साल हो और वह किसी मान्यता प्राप्त स्कूल, कॉलेज या यूनिवर्सिटी में नामांकित हो।
- छात्र भारतीय नागरिक होना चाहिए। अपार आईडी का उद्देश्य छात्रों के लिए एक स्थिर, सुरक्षित और डिजिटल अकादमिक रिकॉर्ड बनाना है। जिसे देश भर में मान्यता प्राप्त किया जाएगा।