इलाहाबाद हाई कोर्ट में हुई श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े मामलों की ट्रांसफर याचिका पर सुनवाई, 15 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश

20 फरवरी 2025 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। तब तक, अदालत ने सभी संबंधित पक्षों को निर्देशित किया है कि वे मामले की प्रगति में सहयोग करें और समय पर अपने जवाब दाखिल करें।

Atul Saxena
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Shri Krishna Janmabhoomi Case : इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज  मथुरा में लंबित श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग करने वाली ट्रांसफर पिटीशन पर सुनवाई हुई, कोर्ट ने सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई की तारीख 20 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है।

मथुरा की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित छह से अधिक मामले लंबित हैं। इन मामलों में से एक महत्वपूर्ण मामला राधा रानी वृषभानु कुमारी वृंदावन द्वारा उनके ‘नेक्स्ट फ्रेंड’ अधिवक्ता रीना एन सिंह के माध्यम से मार्च 2024 में दाखिल किया गया था। यह मामला भी मथुरा अदालत में लंबित है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई

आज, इलाहाबाद हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की एकल पीठ ने इस ट्रांसफर पिटीशन पर सुनवाई की। अधिवक्ता रीना एन सिंह, जो हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रही थीं, को अधिवक्ता राणा सिंह ने सहयोग दिया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया और उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई की तारीख 20 फरवरी 2025 निर्धारित की गई है।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी सर्वेक्षण आदेश और नए मामलों की फाइलिंग पर रोक लगा रखी है, लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट के रोक आदेश से पहले दाखिल किया गया था। इसलिए इस मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।

हिंदू पक्ष की दलीलें

हिंदू पक्ष की ओर से अधिवक्ता रीना एन सिंह ने तर्क दिया कि मथुरा की अदालत में मामलों की धीमी प्रगति और अनियमितताओं के कारण इन मामलों को इलाहाबाद हाई कोर्ट स्थानांतरित करना न्यायहित में आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि ये मामले अत्यधिक संवेदनशील और ऐतिहासिक महत्व के हैं, जिनका शीघ्र निपटारा होना चाहिए।

प्रतिवादियों का पक्ष

प्रतिवादियों को कोर्ट द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। यह देखा जाएगा कि वे ट्रांसफर पिटीशन के खिलाफ क्या तर्क प्रस्तुत करते हैं।

अगली सुनवाई

20 फरवरी 2025 को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। तब तक, अदालत ने सभी संबंधित पक्षों को निर्देशित किया है कि वे मामले की प्रगति में सहयोग करें और समय पर अपने जवाब दाखिल करें। बता दें, यह मामला श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े विवादों को एक नई दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और मामलों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का यह कदम न्यायिक प्रणाली में विश्वास को मजबूत करेगा।

 

सतना से पुष्पराज सिंह बघेल की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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