Wakf Amendment Bill: कब्ज़ा की गई वक्फ़ बोर्ड की संपत्तियों का क्या होगा? सीएम योगी ने बताया पूरा एक्शन प्लान

वक्फ़ संशोधन बिल को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने बहुमत के आधार पर पास कर दिया, अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जायेगा और इसमें जो संशोधन किये गए हैं वो वक्फ़ बोर्ड पर लागू होंगे ।

Wakf Amendment Bill: वक्फ़ संशोधन बिल के लोकसभा और राज्यसभा से पास हो जाने के बाद इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही ये कानून बन जायेगा और देश के हर नागरिक को इसे मानना होगा, हालाँकि कांग्रेस, समाजवादी अप्रती, एआईएमआईएम, आम आदमी पार्टी सहित कुछ और विपक्षी पार्टियाँ अभी भी इसका विरोध कर रही है और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा तक खटखटा रही है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कब्ज़ा की गई वक्फ़ संपत्तियों को लेकर अपना एक्शन प्लान आज बताया

शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनपद महराजगंज पहुंचे उन्होंने यहाँ रोहिन बैराज का लोकार्पण किया और  654 करोड़ रुपये की 629 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण/शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल हुए, यहाँ मौजूद जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने सरकार की विकास योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।

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 अब कोई नहीं कर सकेगा सार्वजानिक भूमि पर कब्ज़ा 

योगी ने संसद द्वारा पारित वक्फ़ संशोधन बिल का जिक्र करते हुए कहा कि अब वक्फ बोर्ड के नाम पर अब कोई डकैती नहीं डाल सकेगा। अब उत्तर प्रदेश में राजस्व की भूमि पर सार्वजानिक भूमि पर कब्ज़ा नहीं होगा,  इस संपत्ति का उपयोग स्कूल कॉलेज, अस्पताल बनाने के लिए किया जाएगा।

लूट पर अब पूरी तरह से लगाम लग जाएगी 

योगी ने कहा कि वक्फ़ बोर्ड के नाम पर वर्षों से जमीन की लूट चल रही थी। पिछली सरकारों ने खूब फलने फूलने दिया लेकिन अब कोई वक्फ़ बोर्ड के नाम पर जमीन नहीं लूट सकेगा। इस लूट पर अब पूरी तरह से लगाम लग जाएगी। योगी ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति, राजस्व भूमि का इस्तेमाल अब स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और गरीबों के लिए घर बनाने के लिए किया जायेगा।

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बन जायेगा कानून 

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब वक्फ़ बोर्ड के नाम पर मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। बोर्ड से समाज का कोई भला नहीं हुआ है, लेकिन अब इस दिशा में सरकार ठोस कार्रवाई करेगी। आपको बता दें कि वक्फ़ संशोधन बिल भारी शोर शराबे और विरोध के बावजूद पिछले दिनों संसद के दोनों सदनों में बहुमत से पास हो गया , अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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