उत्तराखंड जहां एक ओर मानसून की आपदा से जूझ रहा है, वहीं राज्य की सत्तारूढ़ बीजेपी पार्टी आंतरिक कलह से गुजर रही है। जनता बाढ़ और भूस्खलन से परेशान है, लेकिन पार्टी के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने में व्यस्त हैं। ताज़ा मामला डीडीहाट से बीजेपी विधायक बिशन सिंह चुफाल और राज्यमंत्री हेमराज बिष्ट के बीच बयानबाज़ी का है, जिसने पार्टी में भूचाल ला दिया है।
विधायक का आरोप, मंत्री ने जनता के कार्यों में डाली बाधा
बीजेपी विधायक बिशन सिंह चुफाल ने मुख्यमंत्री राहत कोष के वितरण को लेकर अपने ही पार्टी के राज्यमंत्री हेमराज बिष्ट पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मंत्री जनता के कार्यों में जानबूझकर बाधा डाल रहे हैं और शासन के कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसे मंत्री को पद से हटाया जाए। यह बयान सार्वजनिक होते ही विवाद और गहरा गया।
मंत्री का पलटवार, लगाया परिवारवाद और पद के दुरुपयोग का आरोप
विधायक के आरोपों पर पलटवार करते हुए राज्यमंत्री हेमराज बिष्ट का एक वीडियो सामने आया जिसमें वे हरिद्वार के हर की पैड़ी से चुफाल पर सीधा हमला बोलते नजर आए। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक ने पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम किया। इसके अलावा उन्होंने विधायक पर अपनी बेटी को तीलू रौतेली पुरस्कार दिलवाने और खनन के पट्टों में लाभ लेने का भी आरोप लगाया।
पार्टी में और भी नेताओं ने खोला मोर्चा
यह विवाद तब और गहराता दिख रहा है जब बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेता भी धामी सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं। विधायक मुन्ना सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कानून व्यवस्था को लेकर पहले ही चिंता जता चुके हैं। वहीं, पूर्व मंत्री अरविंद पांडेय ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इन सभी नेताओं के बयानों से पार्टी के भीतर उथल-पुथल साफ झलक रही है।
कांग्रेस ने भी कसा तंज, कहा- सरकार में गड़बड़ी साफ नजर आ रही
बीजेपी में चल रही इस उठा-पटक पर कांग्रेस भी लगातार नजर बनाए हुए है। प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि पार्टी के नेता खुद ही एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, जिससे यह साफ हो गया है कि सरकार के भीतर कुछ ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा के क्षेत्र में भी पद दिलवाने के लिए “सेटिंग-गेटिंग” हो रही है, तो यह बहुत चिंताजनक है।





