चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु अब हेलीकॉप्टर से केदारनाथ तक पहुंचने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करेंगे। पैदल मार्ग कठिन और भीड़भाड़ वाला है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग हेली सेवा का उपयोग करते हैं। लेकिन इस बार यात्रियों को हजारों रुपये अधिक देने होंगे। प्रशासन का कहना है कि यह बढ़ोतरी यात्रा की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखकर की गई है। साथ ही, नई तकनीक से मौसम और उड़ानों की निगरानी भी बेहतर होगी।
किराया अब पहले से 50% ज्यादा
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (UCADA) ने हेली सेवा का किराया 49 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। अब गुप्तकाशी से केदारनाथ का किराया 12,444 रुपये, फाटा से 8,900 रुपये और सिरसी से 8,500 रुपये होगा। पहले ये किराए क्रमशः 8,500 और 6,500 रुपये के आसपास थे। यानी श्रद्धालुओं को यात्रा पर हजारों रुपये ज्यादा खर्च करने होंगे। फिर भी, प्रशासन का कहना है कि बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और सुविधाओं का ध्यान रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
सुरक्षा पर खास ध्यान, नई कमेटी और नियम लागू
हाल के वर्षों में हेलीकॉप्टर हादसों की वजह से सुरक्षा को लेकर सवाल उठे थे। DGCA ने राज्य सरकार को सख्त निर्देश दिए थे। इसके बाद गृह सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी, जिसने सुरक्षा से जुड़े कई सुझाव दिए। अब इन सिफारिशों के आधार पर हेली सेवा को अधिक सुरक्षित बनाया जा रहा है। पायलटों की सुरक्षा, उड़ानों की निगरानी और आपातकालीन व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
तकनीक से बेहतर मौसम जानकारी और उड़ान नियंत्रण
यात्रियों की सुरक्षा के लिए चारों धामों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाए जा रहे हैं। इससे मौसम की सटीक जानकारी पायलटों को मिल सकेगी। इसके अलावा PTZ कैमरा, ATC, VHF सेट और सिलोमीटर जैसे आधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं। इससे उड़ान भरने और लैंडिंग करने में मदद मिलेगी। अधिकारियों का कहना है कि बेहतर तकनीक के साथ हेली सेवा अब ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद होगी।
दो कंट्रोल रूम और ग्राउंड मॉनिटरिंग की टीम
हेली सेवा की निगरानी के लिए दो कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं — एक सहस्त्रधारा, देहरादून में और दूसरा सिरसी में। साथ ही, ग्राउंड कंट्रोल के लिए 22 ऑपरेटर तैनात होंगे। ये टीम हेलीकॉप्टर की आवाजाही और मौसम की जानकारी पर लगातार नजर रखेगी। हर साल लाखों श्रद्धालु केदारनाथ जाते हैं, इसलिए यह व्यवस्था जरूरी मानी जा रही है। भले किराया बढ़ा हो, लेकिन सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता दी जा रही है।





