मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। ट्रेन देश में यात्रा करने के लिए सबसे आरामदायक साधन है। भारतीय रेलवे का इतिहास 160 साल पुराना है, जहां 16 अप्रैल 1853 को मुंबई के बोरी बंदर से ठाणे के बीच चलाया गया था, यह 34 किलोमीटर का सफर था, इसके बाद दिनों-दिन भारतीय रेलवे ने देश में लोगों के लिए सफर आसान किया है। इतना ही नहीं रेलवे ने देश के विकास में भी बहुत योगदान दिया है। यात्रियों को ही नहीं ट्रेन सामान को भी लाने-ले जाने के काम आती है।
ट्रेन देश में शहर से शहर तो जोड़ ही रही है, लेकिन बड़े शहरों में ये एक कोने से दूसरा कोना भी जोड़ने का काम करती है, जिन्हें आमतौर पर लोकल ट्रेन कहा जाता है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में यात्रा करने के लिए लोकल ट्रेन सबसे आसान माध्यम है। मुंबई से पुणे जाने वाले लोगों की भी संख्या हर दिन अधिक होती है।
मुंबई से पुणे के बीच इस सफर को एक ट्रेन पिछले 93 सालों से कवर कर रही है, 1 जून 1993 से शुरू हुई ‘डेक्कन क्वीन’ आज भी लोगों को बिना रुके अपनी मंजिल तक पहुंचा रही है। इसी खुशी में मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर डेक्कन क्वीन का जन्मदिन मनाया गया, जहां कुछ खास उपहार भी दिए गए।
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अभी भी यह उपहार ट्रेन को ना मिलकर यात्रियों को मिले है। यात्रियों की सुख-सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मध्य रेलवे ने डेक्कन क्वीन को नया रूप दिया है। एलएचबी कोच के साथ यह ट्रेन सीएसएमटी से आगामी 22 जून और पुणे से 23 जून से पुणे से चलने लगेगी। यह ट्रेन में 4 एसी चेयर कार, 8 सेकंड क्लास चेयर कार, एक विस्टाडोम कोच, एक एसी डाइनिंग कार एवं गार्ड कम ब्रेक वैन और जेनरेटर कार के साथ चलती है।
आपको बता दे क्वीन एक्सप्रेस भारत की पहली सुपरफास्ट ट्रेन भी है। यह ट्रेन इसलिए भी खास थी क्योंकि यह भारत की पहली अलग से महिलाओं के आरक्षित डिब्बों वाली ट्रेन थी।