भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बच्चों की शरारतों का कोई अंत नहीं। न ही कभी कोई अंदाजा लगा सकता है कि बच्चे अब क्या करने वाले हैं। हालांकि ये शरारतें ही हैं जो उन्हें और क्यूट बनाती है, लेकिन कई बार शरारत भारी भी पड़ जाती है। अक्सर ही घरों में माता पिता अपने बच्चों की हरकतों से परेशान नजर आते हैं।
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बच्चे हाइपर एक्टिव होते हैं और उन्हें कंट्रोल करना काफी मुश्किल है। उनकी एनर्जी के साथ खुद को एडजस्ट करना और उनकी जिज्ञासाओं को शांत करना आसान नहीं। बच्चों को दुनिया की हर चीज नई लगती है और वो इसके बारे में जानना चाहते हैं। उन्हें कुदरत के नजारे, मशीनें, स्कूटर, टीवी, फ्रिज, मेकअप का सामान, बर्तन से लेकर हर उस वस्तु में रुचि होती है जो वो पहले पहल देखते हैं। ऐसे में उनके हाथ में कब क्या चीज आ जाए और वो क्या कर बैठे, कहा नहीं जा सकता।