MP: तेज आंधी-पानी ने बदल दिया नर्मदा नदी का बहाव, देखें वायरल वीडियो

Manisha Kumari Pandey
Published on -

जबलपुर, संदीप कुमार। नर्मदा नदी (Narmada River) जिसे लोग माँ की तरह पूजते हैं। ये नदी पूरब से पश्चिम की तरफ् बहती है। यह भारत के एकमात्र नदी है जो दिशा में बहती है। पर क्या ऐसा हो सकता है कि नर्मदा का बहाव विपरीत हो जाए। जी हां ऐसा हुआ है जब तेज हवा ने माँ नर्मदा का बहाव मोड़ दिया हो। नर्मदा नदी का यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। दो दिन पहले शहर में आई तेज आंधी के बीच जबलपुर के ग्वारीघाट तट का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लोग अदभूत मानते हुए पसंद भी कर रहे है।

यह भी पढ़े… MP News: प्रदेश में पंचायत निर्वाचन कि तैयारी तेज, कलेक्टर ने दिए पेट्रोल-डीजल के रिजर्व स्टॉक रखने के निर्देश 

आप भी वीडियो में देख सकते है कि नर्मदा नदी के जल का प्रवाह विपरीत दिशा में बह रहा है। नजदीक में लगे पेड़ व नाव की दिशा भी पुष्टि कर रहे हैं की तेज हवा के बीच नर्मदा का बहाव विपरीत दिशा में बहने लगा है। 2 दिन पूर्व शहर में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बारिश के साथ तेज आंधी आई थी। पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली नर्मदा नदी 40 किमी प्रति घंटे उत्तर पश्चिम की तेज आंधी के कारण अपनी विपरीत दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर बहती दिखाई दे रही हैं।  आप देख सकते हैं कि कितनी तेज हवा चल रही है, इस हवा में मां नर्मदा के बहाव का रुख मोड़ दिया वही। कई नाविक भी हवा में बहती हुई नाव को संभालने में जुटे रहे। तकरीबन 10 से 15 मिनट तक इसी तेज रफ्तार से हवा बहती रही जहाँ पर कि ना सिर्फ मां नर्मदा के जल का प्रभाव उलटी दिशा में जाने लगा तो वही नाविक भी तेज हवा में नाव को संभालते रहे।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है। अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"