सीहोर। एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि 24 लाख 84 हजार किसानों के खातों में कर्ज माफी की कार्रवाई की गई। अब तक 20 लाख किसानों का कर्ज माफ हो चुका है। वही दूसरी तरफ बैंक किसानों को ब्याज सहित कर्ज की वसूली के नोटिस भेज रहे हैं। हैरानी की बात तो ये है कि सरकार के दावे के बावजूद किसानों के खाते में राशि नही पहुंची है। खातों में पैसे नहीं पहुंचने के कारण किसानों को नो ड्यूज प्रमाण-पत्र भी नहीं मिल पा रहे हैं। बैंक के द्वारा वसूली नोटिस भेजने के बाद किसान सकते में आ गए और सरकार के प्रति उनका आक्रोश पनपने लगा है। वही इस पूरे घटनाक्रम के बाद जिले में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, मामला सीहोर जिले के निपानिया गांव का है। कमलनाथ सरकार द्वारा किसानों की कर्जमाफी के लिए जय किसान फसल ऋण माफी योजना शुरु की गई है, जिसके तहत प्रथम चरण में 50 हजार कर्ज तक वाले एक लाख से अधिक किसानों को शामिल किया था, जिनके खातों में 434 करोड़ रुपए पहुंचने थे लेकिन अभी तक किसानों के खातों में कर्जमाफी की राशि नहीं पहुंची है, हालांकि आचार संहिता से पहले किसानों के पास यह मैसेज पहुंच गया है कि कि अब लोकसभा चुनाव के बाद कर्जमाफी की जाएगी। वही दूसरी तरफ बैंक ने किसानों को ब्याज सहित कर्ज की वसूली के नोटिस भेजना शुरु कर दिए है। जिले के कई किसानों को इस तरह के नोटिस भेजे गए है, जब इस बारे में बैंक और सोसायटियां से बात की गई तो वे इंकार रहे है, लेकिन गांव के कई किसानों को इस तरह के नोटिस मिले है। वही एसडीएम का कहना है कि इस तरह की शिकायत अभी तक उनके पास नही आई है, अगर ऐसा है तो वे जल्द ही मामले की जानकारी लेकर समस्या का समाधान करेंगें।