ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ने से रोकने और पर्यावरण को बचाने के लिए आज के दौर में हर कोई आगे आ रहा है। फिर वह चाहे कलेक्टर हो या सरकार..। लेकिन अब ग्वालियर हाईकोर्ट भी इसमें अपना योगदान देने जा रही है, इसके लिए कोर्ट ने नई पहल की शुरुआत की है।कोर्ट ने जेल में बंद आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के लिए 100 पेड़ लगाने का आदेश दिया है।
दरअसल, शिवपुरी जिले के नरवर थाने ने पप्पू उर्फ दयाराम पर नाबालिग का अपहरण का आरोप लगा था। पुलिस ने उसे 1 अप्रैल 2019 को गिरफ्तार कर उस पर अपहरण व पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था।जब जिला सत्र न्यायालय ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया तो उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कहा कि कोर्ट जमानत की जो शर्तें लगाएगा, उसका पालन किया जा जाएगा। कोर्ट ने शासन व याचिकाकर्ता का पक्ष सुनने के बाद आरोपी को सशर्त जमानत दे दी और आदेश दिया कि जेल से रिहा होने के बाद उसे सड़क किनारे 100 फलदार या छायादार पौधे लगाने होंगे और रिपोर्ट 30 दिन के अंदर हाईकोर्ट में पेश करनी होगी। थाना प्रभारी अपनी रिपोर्ट पेश करें।
इसके साथ ही जस्टिस शील नागू ने आदेश में ये भी स्पष्ट किया है कि जो पौधे लगाए जाएं वे न केवल छायादार हो बल्कि फलदार भी हो। उनकी सुरक्षा के लिए आरोपी को ट्री-गार्ड से लेकर नियमित पानी देने की भी व्यवस्था करनी होगी। ये सारी कवायद तीस दिन में पूरी करना होगी और रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में देनी होगी। संबंधित जिले का वरिष्ठ सरकारी वकील निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगा और रिपोर्ट तैयार कर ट्रायल कोर्ट में देगा। यदि शर्त का पालन नहीं होगा तो जमानत कैंसिल कर दी जाएगी।
खास बात तो ये है कि 21 से लेकर 25 जून तक सिर्फ तीन कामकाजी दिवस में उन्होंने कुल 36 मामलों में आरोपियों को 100-100 पौधे रोपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट कॉरिडोर में उनके जजमेंट को वकील और पक्षकार ग्रीन जजमेंट की संज्ञा भी दे रहे हैं।