झाबुआ में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला को लेकर आक्रोश, गिरफ्तारी की उठ रही मांग

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झाबुआ, विजय शर्मा। शहर में विभिन्न सामाजिक संगठनों से मिलकर बना सामाजिक महासंघ आज बहुत आहत नजर आया वजह थी जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला द्वारा दिया गया देश विरोधी बयान, जिसमें उन्होंने चीन से मिलकर कश्मीर को अलग करने की बात कही थी। झाबुआ के सामाजिक महासंघ ने आज 23 अक्टूबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए यह मांग की है की वर्षों से देश का अन्नजल ग्रहण करने वाले व अनेकों सुख सुविधा प्राप्त करने वाले फारुख अब्दुल्ला को देश विरोधी बयान देने के कारण तत्काल रासुका के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

साथ ही उनकी संसद की सदस्यता भी रद्द की जाना चाहिए। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती जो कि वहां की मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद है उनकी पेंशन भी बंद होना चाहिए। निर्वाचन आयोग द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी दल की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाना चाहिए और उनको सरकारी आवास से पूर्ण रूप से बेदखल करना चाहिए।  गुप्त रूप बनाए गए गुपकार संगठन को तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।